भारत छोड़ो आंदोलन के दिवस पर एनएसयूआई ने शिमला में सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत करते हुए छात्रों के मुद्दों को लेकर मौन प्रदर्शन किया गया और सरकार पर छात्रों को कोरोना के मुंह में धकेलने के आरोप लगाए हैं। एनएसयूआई ने कोविड के चलते छात्रों को अगले सेमेस्टर में प्रमोट करने की मांग की है साथ ही नई शिक्षा नीति को भी गलत ठहराया है।
एनएसयूआई के छात्र नेता ने कहा कि छात्र और अभिभावक परीक्षा करवाने के हक में नहीं है लेकिन प्रदेश सरकार छात्रों की चिंता नहीं कर रही है। अगर एक भी छात्र को कोरोना होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। एनएसयूआई ने कहा कि आज से आंदोलन की शुरुआत देश भर में कई गयी है। हिमाचल प्रदेश में भी आंदोलन को उग्र किया जाएगा। अगर सरकार छात्रों की मांगों को नही माना जाता है। शिक्षा का लगातार केंद्र और प्रदेश सरकार निजीकरण कर रही है।