कोलडैम हाईड्रो पावर परियोजना के महाप्रबंधक एन.एस ठाकुर ने कहा कि लाहौल-स्पीति जिला में आने वाले समय में चंद्रभागा नदी पर एनटीपीसी दो अन्य महत्वपूर्ण जलविद्युत परियोजनाओं का निर्माण करने जा रही है। जिसमें 400 मैगावाट की सेरी जल विद्युत परियोजना और 120 मैगावाट की मियारनाला परियोजना का निर्माण एनटीपीसी की ओर से किया जाएगा। जिसके लिए अभी हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ एमओयू किया जाएगा।
एनएस ठाकुर ने कहा कि देश में एक लाख अस्सी हजार मैगावाट बिजली की डिमांड है। जबकि उत्पादन इससे भी कहीं अधिक साढ़ तीन लाख मैगावाट के आंकड़े तक पहुंच चुका है। कोलडैम एनटीपीसी मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए एनएस ठाकुर ने कहा कि एनटीपीसी प्रति वर्ष 290 बिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन करने वाला भारत सरकार का उपक्रम है। वहीं पर कोलडैम हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट सालाना 3450 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन करता है। जो हाईड्रो परियोजना के क्षेत्र में देश में नंबर वन पर है।
उन्होंने कहा कि कोलडैम में 18 जुलाई 2015 में विद्युत उत्पादन शुरू हो गया है। इसके बाद से लगातार यह उपक्रम विद्युत उत्पादन में देश का नंबर वन प्रोजेक्ट बना हुआ है। एनएस ठाकुर ने कहा कि पेरिस कन्वेशन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे के मुताबिक एनटीपीसी आने वाले 1032 तक हाईड्रो व सोलर पावर के क्षेत्र में बीस फीसदी तक अपनी क्षमता का विकास करेगा। उन्होंने कहा कि देश में बिजली उत्पादन का सबसे बड़ा हिस्सा थर्मल प्लांट के माध्यम से विद्युत उत्पादन किया जाता है। जिससे पर्यावरण को नुक्सान होता है। कार्बन उत्र्सन में कमी लाने केलिए आने वाले समय में एनटीपीसी हाईड्रो एवं सोलर पावर उत्पादन की क्षमता में बढ़ोतरी करने जा रहा है।
कोलडैम जलविद्युत परियोजना महाप्रबंधक ने कहा कि परियोजना की ओर से 65 करोड़ रूपए की राशि कैट प्लान के रूप में प्रदेश सरकार को दी गई है। जिसका उपयोग कैचमेंट एरिया के सुधार में किया जाता है। इससे सतलुज नदी में सिल्ट का बहाव कम हो जाता है। जिससे महत्वकांक्षी परियोजना भाखड़ा बांध की उम्र 200 साल और बढ़ जाएगी। उसी प्रकार कोलडैम में सिल्ट का जमाव कम होने से परियोजना की उम्र 70-80 साल और बढ़ जाएगी। उसी प्रकार लोकल डिवेल्पमेंट फंड लाडा के रूप में नौ करोड़ सालाना की राशि भी प्रदेश सरकार को परियोजना की ओर से जारी कर दी गई है। इसके अलावा परियोजना प्रबंध की ओर से कोविड-19 के नियमों की सख्ती से अनुपालना की जा रही है।
उन्होंने बताया कि कोलडैम परियोजना प्रबंधन अपने सामाजिक सरोकारों का निर्वहन भी पूरी मुस्तैदी और सजगता के साथ कर रहा है। जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत सुविधाएं, निर्वहन एवं स्वच्छता, पर्यावरण, ग्रामीण खेलकूद, महिला सशक्तिकरण एवं सामाजिक संस्कृति आदि के बिंदुओं पर कार्य कर रही है।