सरकारी स्कूलों में चलाई जा रही नर्सरी और केजी कक्षा में अगले शैक्षणिक सत्र ये छात्रों को दोपहर का गर्म भोजन दिया जाएगा। केंद्र सराकर नें हिमाचल सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए प्री-प्राइमरी सरकारी स्कूलों के 30 हजार बच्चों को बड़ी सौगात दी है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने मिड-डे मील योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री शक्ति निर्माण कर दिया है।
प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों का मुकाबला करने के लिए प्री-प्राइमरी कलासें शुरु की हैं। अब इन स्कूलों की संख्या बढ़ कर चार हजार हो गई है। और हर साल इन में संख्या बढ़ रही हैं। अब इस कदम से उम्मीद है कि छात्रों की संख्या और भी बढ़ेगी।
इस समय पहली से 8वीं तक के 15 हजार छात्रों को प्रधानमंत्री शक्ति निर्माण योजना के अंतर्गत खाना दिया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार 116 करोड़ का बजट आवंटित किया जाता है। पहली से पांचवी तक के बच्चों को प्रति छात्र सौ ग्राम चावल और छठी से आठवीं के हर विद्यार्थी को 150 ग्राम चावल दिए जाते हैं। पर कोरोना काल में 2020 से स्कूलों में इस योजना के अंदर भोजन नहीं पक रहा है इसलिए हर छात्र को हर महीने राशन दिया जा रहा है।
सरकारी स्कूलों में बढ़ी छात्रों की संख्या
कोरोना संकट के चलते निजी स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में दाखिला लेने वालों की काफी संख्या बढ़ी है। 2021 में आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों की संख्या में 2020 के मुकाबले साढे 14 हजार की बढ़ोतरी हुई है। 2021 में बढ़कर 5 लाख तीन हजार 456 पहुंच गई है, ये 2020 में 4.89 लाख थी।
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