मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी के नेरचौक नगर परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष ने कथित रूप से सत्ताधारी दल की प्रताड़ना से तंग आकर इस्तीफा दे दिया है। अब इस मामले में कांग्रेस की तरफ से पूर्व मंत्री जीएस बाली ने कड़े शब्दों में प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री को घेरा है।
नगर परिषद के अध्यक्ष और कुछ पार्षदों द्वारा उन पर कथित रूप से गलत काम करने का दबाव बनाया जा रहा था। ये भी खबर है कि उनसे स्थानीय विधायक ने भी फोन कर बदसलूकी की थी। बात इतनी बढ़ गई कि उन्हें डराने के लिए कथित रूप से गुंडे तक भेजे गए। करुण भरमौरिया ने इसी वर्ष प्रतियोगी परीक्षा पास करके नगर परिषद में बतौर कार्यकारी अधिकारी ज्वाइन किया था।
इस मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता जीएस बाली ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, “भाजपा राज में भृष्टाचार और नेताओं का घमंड चरम पर पहुंच गया है। नेरचौक नगर परिषद से एक युवा अफसर का भाजपा नेताओं और स्थानीय विधायक के दबाव में सरकारी नौकरी से इस्तीफा देना यह साफ बताता है कि स्वयं मुख्यमंत्री के जिले में उनकी नाक तले भृष्ट सिस्टम ने युवा अफ़सर की बलि ले ली। तो बाकी प्रदेश में क्या चल रहा होगा। प्रदेश के इतिहास में कभी ऐसा वाक्या नहीं हुआ कि मानसिक दबाव के कारण अफसर को इस्तीफ़ा देना पड़ा हो।”
समाचार फर्स्ट ने इस मामले में खुद नगर परिषद की अध्यक्ष शालिनी राणा से बात की और पूरा मामला जानने की कोशिश की। शालिनी राणा ने किसी तरह के दबाव से इनकार किया। उन्होंने समाचार फर्स्ट को बताया कि अधिकारी का इस्तीफे उनका निजी फैसला है। अपनी सफाई में उन्होंने कहा कि किसी एक व्यक्ति के आरोप को बिना जांच के सही कैसे माना जा सकता है।
हालांकि मीडिया में खबर चलने के बाद करूण भरमौरिया की प्रतिक्रिया सामने आई है। उनका कहना है कि ये इस्तीफे उनका निजी फैसला है।