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ओबीसी प्रमाणपत्र को मिल सकती है 3 साल की मान्यता, मुख्यमंत्री ने दिए संकेत!

मृत्युंजय पुरी |

ओबीसी मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति का प्रशिक्षण शिविर तीन दिन 13 ,14 , 15 दिसम्बर को कांगड़ा के सागर ग्लोरी पैलेस में आयोजित किया गया. जिसका समापन ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं ओबीसी कल्याण निगम के उपाध्यक्ष ओम प्रकाश चौधरी की ओर से किया गया. इस मौके पर त्रिलोक जमवाल मुख्यमंत्री के राजनितिक सलाहकार, कृपाल परमार, राजपाल, वरिंदर चौधरी, ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी और प्रदेश पदाधिकारियों एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्यों के साथ जिला अध्यक्ष एवं महामंत्री मौजूद रहे.

इस मौका पर कार्यकर्ताओं को टिप्स भी दिए गए. ओपी चौधरी ने कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग को एक वर्ष के लिए जारी किए जाने वाले सर्टिफिकेट को तीन साल की मान्यता मिल सकती है. इसके संकेत मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कल्याण बोर्ड की 12वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए भी दिए हैं.

सीएम ने कहा कि ओबीसी प्रमाण पत्र को तीन साल करने की मांग विचार योग्य है. राजस्व विभाग से मामले को गंभीरता से लेने की बात कही. उन्होंने कहा सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को लाभान्वित करने के लिए 2018 में आय सीमा 6 लाख प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 8 लाख की है.

सरकारी नौकरियों में युवाओं को पर्याप्त अवसर देने के लिए सरकार सीधी भर्ती से प्रथम और द्वितीय श्रेणी के पदों के लिए 12 प्रतिशत और तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए 18 प्रतिशत आरक्षण दे रही है. प्रदेश में अन्य पिछड़े वर्गों की पहचान के लिए ओबीसी आयोग की स्थापना की गई है. आयोग की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने 52 जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल किया है.