हिमाचल भवन दिल्ली हो चाहे चंडीगढ़ जब भी बुक करवाने जाओ पैक मिलते है। यहां तक कि मुख्य जगहों के गेस्ट हाउस भी मंत्रियों के नाम मिलते है। हर वक़्त माननीयों, अफ़सर और उनके रिश्तेदार डेरा डाले रहते है। ये हम नहीं बल्कि प्रदेश के गेस्ट हाउस, दिल्ली और चंडीगढ़ में काम से जाने वाले कर्मचारी कह रहे है। हिमाचल भवन चंडीगढ़ हिमाचल भवन दिल्ली में सिर्फ़ विधायकों, मंत्रियों उनके रिश्तेदारों या फिर हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारियों को ही इसमें बुकिंग मिलती है। अन्य विभागों के कर्मचारियों को इसमें कभी भी कमरे की अनुमति नहीं मिलती है।
सरकारी कर्मियों को भारी भरकम बिल देकर बाहर किराए के कमरे लेने पड़ते हैं। सरकारी कर्मचारियों की मांग है कि हिमाचल भवन सहित गेस्ट हाउस में उन्हें 50% का कोटा दिया जाए। जब सचिवालय से बुकिंग करवाने जाते हैं तो कभी भी समय पर नही बताया जाता। कर्मचारी जब दिल्ली पहुंच जाता है तो अंतिम समय मे ये बताया जाता है की कमरे नहीं है इसलिए उनकी बुकिंग कैंसिल कर दी गई है। उस वक़्त मज़बूरी में उन्हें किराए के कमरे में रहना। पड़ता है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि भवन और गेस्ट हाउस को लेकर सवाल उठें हों इससे पहले भी कांग्रेस और भाजपा सरकार के पास इस तरह की कई शिकायतें पहुंची है लेकिन इसका आज तक समाधान नहीं निकला।