एबीवीपी ने बीजेपी सरकार पर छात्रों के हितों के साथ खिलवाड़ करने के आरोप लगाया है। एबीवीपी ने बेल्स इंस्टीट्यूट को बंद करने के फैसले को छात्रो के भविष्य से खिलवाड़ करना बताया। इसे लेकर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने उपायुक्त कार्यलय के बाहर सरकार और बेल्स इंस्टीट्यूट के खिलाफ जमकर नारेबाजी और धरना प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार जल्द से जल्द के के कटोच को पद से हटाये अन्यथा एबीवीपी प्रदेश में उग्र आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएगी।
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कहा कि रेगुलेटरी कमीशन के अध्यक्ष के के कटोच पर पिछले एक साल से भर्ष्टाचार के आरोप लगे हैं, लेकिन फिर भी सरकार ने उन्हें पद पर बैठाया हुआ है। बीते कल ही कटोच पर एक महिला ने भी उत्पीडन का आरोप लगाया है, लेकिन प्रदेश सरकार उन्हें पद से बर्खास्त नहीं कर रही है। बेल्स इंस्टीट्यूट भी छात्रो के साथ मनमानी कर रहा है जिसको रोकने में रेगुलेटरी कमीशन कोई कदम नहीं उठा रहा।
छात्रों ने सरकार से उठाई जल्द कार्रवाई करने की मांग
वहीं बेल्स इंस्टीट्यूट के छात्रो ने बताया कि अगर इंस्टीट्यूट बंद हो जाता है तो उनका भविष्य खतरे में पड़ जायेगा। लाखों रुपये फीस देकर उन्होंने यंहा दाखिला लिया है। उनके माता किसी दुसरे संसथान में उनका दाखिला नहीं करवा सकते। इतना खर्चा उठाना उनके बजट से बाहर है। दुसरे राज्यों से भी छात्र बेल्स में पढ़ रहे है। छात्रो ने बताया बेल्स इंस्टीट्यूट में कई छात्र छात्रवृति लेकर पढ़ रहे हैं वे बच्चे अब कंहा जाएंगे। छात्रो ने सरकार से इस विषय पर जल्द उचित कारवाई करने की मांग की है।
गौरतलब है कि शिमला का बेल्स संस्थान कॉलेज प्रशासन छात्रों पर किसी अन्य कॉलेज में माईग्रेट होने का दबाव बना रहे है। बेल्स प्रशासन ने छात्रों को साफ कह दिया है कि आर्थिक तंगी के चलते संस्थान अब बंद किया जाएगा। इसको लेकर संस्थान में बीते दो दिन पहले भी छात्रों ने कालेज में काफी तोड़फोड़ और हंगामा किया था। जबकि नीजि शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने बेल्स संस्थान को फाईनल निर्णय होने तक संस्थान को बंद न करने के आदेश देने के साथ नोटिस जारी कर 20 नवंबर तक जवाब भी मांगा है।