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गोविंद सागर झील में मछली पकड़ने के लिए ई-टेंडरिंग प्रणाली लागू करने के फैसले का विरोध

एस जम्वाल बिलासपुर |

भाखड़ा विस्थापन के बाद गोविंद सागर झील में मछली पकड़ने का कार्य सहकारी सभाओं के माध्यम से विस्थापित परिवारों को सौंपा गया था। लंबे अरसे से फिश कॉट्रेक्टर ईमानदारी के साथ कार्य कर मछुआरों की आमदनी का भी सहारा बने हुए हैं। वहीं अब मछली पकड़ने को लेकर ठेका प्रणाली को ई टेंडरिंग के तहत करने के प्रदेश सरकार के आदेश के बाद फिश कॉन्ट्रेक्टरों सहित मछुआरों में रोष देखने को मिल रहा है।

बिलासपुर में मीडिया को संबोधित करते हुए फिश कॉन्ट्रेक्टर और मछुआरों ने सरकार के इस निर्णय को विस्थापितों के विरोध में बताते हुए मछली व्यापार से जुड़े कई लोगों के रोजगार पर खतरा बताया है। फिश कॉनेट्रेक्टरों का कहना है कि आने वाले समय मे प्रदेश सरकार पूर्व में कार्य कर रहे फिश कॉन्ट्रेक्टरों के खिलाफ कदम उठाते हुए ई टेंडरिंग को तवज्जो देती है तो सभी कॉन्ट्रेक्टर मिलकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे।

मामले को लेकर सभी कॉन्ट्रेक्टरों और मछुआरों द्वारा जल्द ही एक मांगपत्र बिलासपुर उपायुक्त राजेश्वर गोयल के माध्यम से बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, सीएम जयराम ठाकुर, मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर सहित मत्स्य निदेशालय के निदेशक को भेजा जाएगा। जिसके बाद अगली रणनीति पर चर्चा कर मीडिया को जानकारी दी जाएगी।