हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष के सदन से वॉकआउट पर सीएम सुखविंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि विपक्ष अखबारों की सुर्खियां बटोरने के लिए सदन से बाहर चला गया।
बीजेपी ने नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव लाया। सरकार के प्रस्ताव का उद्देश्य भी आपदा पर चर्चा ही था, विपक्ष ने आपदा में काम तो किया नही ऐसे में अखबारों की सुर्खियों के लिए नारेबाजी करते हुए बाहर चले गए। फिर चर्चा में भाग के लेने आ गए। भाजपा को लोगों को ठगना नहीं चाहिए।
सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार आपदाग्रशीत लोगों को विशेष पैकेज लेकर आ रही है जिसमे आपदा प्रभावित लोगों को राहत दी जाएगी। सीएम ने कहा कि बीजेपी विधायकों ने एक महीने की सैलरी आपदा राहतकोष में देने की बात की थी.
लेकिन आज तक नहीं मिली अब कल सैलरी देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि हम केंद्र से अनुदान की मांग करते रहेंगे क्योंकि हम संघीय ढांचे में रहते हैं, टैक्स में हमारा भी शेयर है। उन्होंने केंद्र से पूछा कि क्या हमारा कसूर यह है कि कांग्रेस की सरकार है। सुक्खू ने कहा कि विपक्ष राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के हमारे संकल्प को पारित करने में सहयोग करें.
अन्यथा लोग भी उन्हें माफ नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हमे श्रेय नहीं चाहिए, हम उनके साथ हैं उन्हें ही श्रेय मिले हमारा काम लोगों की सेवा करना है।