Temple demolition Hamirpur: हमीरपुर जिले के उबक क्षेत्र में 60 साल पुराने मंदिर को तोड़ने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। हाईकोर्ट के निर्देश पर 27 दिसंबर को लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इस मंदिर को अवैध निर्माण मानते हुए हटा दिया था। लेकिन मंदिर तोड़ने के तरीके और मूर्तियों के साथ किए गए व्यवहार को लेकर स्थानीय लोग आक्रोशित हैं।
ग्रामीणों ने मंगलवार को मंदिर स्थल पर प्रदर्शन कर पीडब्ल्यूडी पर हिंदू धर्म की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मंदिर से मूर्तियों को सम्मानपूर्वक नहीं निकाला गया। मूर्तियों को सड़क पर फेंक दिया गया, और आज भी वे उसी हालत में पड़ी हैं। ग्रामीणों ने इस घटना को धार्मिक भावनाओं का अपमान बताते हुए पीडब्ल्यूडी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
समाजसेवी संजय शर्मा ने कहा कि, “मूर्तियों को पूरे सम्मान के साथ हटाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। यह हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ है।”
ग्रामीणों की मांग है कि तहसीलदार द्वारा खसरा नंबर की निशानदेही करवाई जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि क्या उसी भूमि पर अन्य अतिक्रमण भी मौजूद है। शालू मनकोटिया ने कहा कि ग्रामीणों ने पहले ही प्रशासन को पत्र देकर मंदिर के लिए वैकल्पिक स्थान उपलब्ध करवाने की मांग की थी, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इस घटना से स्थानीय समुदाय में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि वे धार्मिक भावनाओं की अनदेखी और मूर्तियों के प्रति किए गए अपमानजनक व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेंगे।