हिमाचल प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी यूनियन आउटसोर्स कर्मचारियों की मांगों को लेकर 13 फरवरी को विधानसभा घेराव करेगी। इस दौरान प्रदेश भर से हज़ारों आउटसोर्स कर्मचारी शिमला कूच करेंगे। यूनियन अध्यक्ष यशपाल और महासचिव नोख राम ने संयुक्त प्रेस बयान जारी करके कहा है कि प्रदेश सरकार की आउटसोर्स कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदेश में आंदोलन तेज होगा। इस कड़ी में 13 फरवरी को आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा विधानसभा घेराव किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार आउटसोर्स कर्मचारियों के प्रति सौतेला व्यवहार अपना रही है व उनकी अनदेखी की जा रही है। उनके लिए न तो कोई स्थायी नीति बनाई जा रही है और न ही उन्हें नियमित किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के समान कार्य के समान वेतन के निर्णय के बावजूद उसे लागू नही किया जा रहा है। आउटसोर्स एजेंसियों द्वारा श्रम कानूनों की खुली उल्लंघना जारी है परन्तु प्रदेश सरकार मौन है जिस से स्पष्ट है कि यह सरकार शोषण को बढ़ावा दे रही है।
सीटू राज्य महासचिव प्रेम गौतम व राज्य सचिव विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि आउटसोर्स कर्मचारियों से 10 से 12 घण्टे काम करवाया जा रहा है और इन्हें न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। ओवरटाइम का भुगतान न करके तथा संख्या से कम कर्मचारी भर्ती करके उनका भारी शोषण जारी है। उन्हें ईपीएफ, ईएसआई, बोनस,ग् रेच्युटी, छुट्टियों आदि सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। इस तरह ये कर्मचारी भारी शोषण के शिकार हैं।
भूतपूर्व कांग्रेस सरकार की तरह ही वर्तमान बीजेपी सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों को ठगने का कार्य कर रही है। ये सरकार इन कर्मचारियों के लिए नीति बनाने के बजाए इनकी संख्या को 42 हज़ार के बजाए 10 हज़ार बताकर गुमराह करने की कोशिश कर रही है। इस तरह यह सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों की भूमिका को दरकिनार कर रही है।