सिरमौर जिला के कई इलाकों में मौत का सफर लगातार जारी है। यहां धड़ल्ले से चल रही ओवरलोड बसें आजकल लोगों के लिए अपने साथ डैथ वारंट लेकर घूम रही हैं। दोपहिया वाहनों से लेकर भारी वाहनों तक की अंधाधुंध रफ्तार अब तक इनमें सवार लोगों की जी जान पर भारी पड़ती आ रही है लेकिन, चंद रोज की चर्चाओं के बाद लोग तमाम मानव जनित हादसों को भुलाकर फिर मौत की लॉरी पर सवार होने लगते हैं जोकि आगे जाकर हादसों का शिकार बनते हैं।
वहीं, यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाने में सरकारी बसें भी पीछे नहीं है तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि किस तरीके से सरकारी बसों में स्कूलों के छात्रों द्वारा सफर करवाया जा रहा है ओवरलोडिंग की ये तस्वीरें क्षेत्र में आए दिन पेश आती है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का कहना है कि समय-समय पर इनके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाती है और कई बसों के परमिट रद्द भी किए जाते है।
सिर्फ हादसों के वक्त ही जागता है प्रशासन
गिरिपार क्षेत्र की अगर बात करें तो यहां सालाना सैकड़ों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवांते और प्रशासन सिर्फ हादसों के वक्त ही जागता है। कई मर्तबा तर्क दिया जाता है कि बसों की उचित सुविधा ना होने के कारण लोग बसों की छतों पर सफर करने को मजबूर है तो सवाल इस बात पर होता है कि आखिर क्यों यहां शासन प्रशासन द्वारा बसों की व्यवस्था नहीं की जाती है। आखिर कब तक लोगों की जान के साथ खिलवाड़ होता रहेगा और हादसों में लोगों की जाने जाती रहेंगी।