खबर में ये जो तस्वीर आप देख रहें हैं यह परौर की है। जहां न्यूगल पुल के ऊपर बने गड्ढों की वजह से बीते कल एक युवक की जान चली गई। लोगों द्वारा एनएच प्रबंधन से मांग करने पर भी इन गड्ढों को नहीं भरा गया। नतीजन एक 30 वर्षीय युवक को इन गड्ढों की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी। मजबूरन आम लोगों को खुद इन गड्ढों को भरने के लिए आगे आना पड़ा और स्थानीय युवाओं ने अपने स्तर पर इन्हें भर दिया।
कहने को तो कांगड़ा से तीन-तीन मंत्री और एक विधानसभा अध्यक्ष हैं जो महंगी-महंगी गाड़ियों में इन्हीं सड़कों से अपने घर आते जाते हैं। लेकिन कभी उन्होंने इन सड़कों को ठीक करवाने की जहमत नहीं उठाई । हमारे राजनेता 'हिमाचल की बेटी' को न्याय दिलाने के लिए हंगामा कर सकते हैं, चैनलों को इंटरव्यू दे सकते हैं, प्रियंका का मकान तोड़ने की धमकी दे सकते हैं मगर सड़कों को ठीक करने के लिए डक्का नहीं तोड़ सकते। शांता कुमार जैसे वरिष्ठ नेता कंगना को सुरक्षा के लिए केंद्र को चिट्ठी लिख सकते हैं मगर सड़कों की हालत ठीक करने के लिए नितिन गडकरी को पत्र नहीं भेज सकते।