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सहकारी सभाओं के ऋण दोषी नहीं लड़ पाएंगे पंचायत चुनाव, सरकार कर रही विचार

पी. चंद |

मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी सभाओं को पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ऐसे व्यक्तियों को पंचायत चुनाव लड़ने के अधिकार से वंचित करने पर विचार करेगी जो सहकारी सभाओं के ऋणों के दोषी हैं। राज्य सरकार विभिन्न सहारी सभाओं द्वारा दिए गए सुझावों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। जयराम ठाकुर ने कहा कि सहकारी सभाएं लोकतंत्र और आत्मनिर्भरता की मूलभूत इकाइयां हैं लेकिन इस दिशा में अभी काफी कार्य किया जाना बाकी है। हिमाचल प्रदेश ने सहकारिता आंदोलन में देश का नेतृत्व किया है क्योंकि पहली सहकारी सभा का गठन 1892 में ऊना जिले के पंजावर में किया गया था। उन्होंने कहा कि गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है और हमें उनके मॉडल का अध्ययन कर इसका अनुसरण करना चाहिए।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि सहकारिता आंदोलन को जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है क्योंकि इस क्षेत्र में रोजगार और स्वरेजगार की व्यापक क्षमताएं हैं। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को जमीनी स्तर तक पहुंचाया जाना चाहिए जिससे ग्रामीण आबादी तक इसकी पहुंच सुनिश्चित हो सके। मुख्यमंत्री आज यहां होटल होली डे होम में 67वें अखिल भारतीय सहकातिा सप्ताह समारोह की अध्यक्षता करते हुए संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में 4843 सहकारी सभाएं कार्यशील हैं जिनके 17.35 लाख से अधिक सदस्य और 38677 करोड़ रुपये की सक्रिय पूंजी है। ये सभाएं प्रदेश की 3226 ग्राम पंचायतों में 3156 डिपूओं के संचालन के साथ आम जनता तक आवश्यक वस्तुओं के वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उचित मूल्य की इन दुकानों के माध्यम से उपभोक्ताओं को आवश्यक सामग्री के साथ-साथ किसानों और बागवानों को खाद, कीटनाशक और कृषि उपकरण इत्यादि भी वितरित किए जा रहे हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि सहकारी सभाओं ने कोरोना महामारी के इस संकटकाल में सराहनीय भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि अनलॉक चरण के दौरान राज्य में कोविड-19 के मामलों में तेी से वृद्धि दर्ज की गई है जिसका मुख्य कारण लोगों की लापरवाही है। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वे इस महामारी के प्रति पूरी तरह सतर्क रहें और घर से बाहर निकलने पर मास्क का इस्तेमाल अवश्य करें। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग को और सशक्त बनाने और विभाग में खाली पड़े पदों को भरने के लिए प्रदेश सरकार प्रभावी कदम उठाएगी।