पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध बिलिंग घाटी में जारी सेना के एक्यूरेसी पैराग्लाइडिंग कप के विजेता का खिताब भारतीय थल सेना के नायक आशीष के नाम रहा है। जबकि दूसरे स्थान में थल सेना के ही ए कुपुस्वामी तथा तीसरे स्थान में भी थल सेना के ही नायक सुनील ने कब्जा किया। जबकि सेना के अन्य विंग से कोई भी प्रतिभागी पहले तीन स्थानों में कब्जा नहीं कर पाया। इस प्रतियोगिता में कुल चार राउंड रखे गए हैं। बुधवार को प्रतियोगिता का समापन हुआ।
इसमें उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह मुख्यातिथि रहे। उन्होंने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान कि इस प्रतियोगिता के चार राउंड थे। बुधवार को हुए अंतिम राउंड के बाद विजेताओं की घोषणा कर दी गई। सेना के प्रवक्ता के अनुसार प्रतियोगिता में कुल छह राउंड रखे गए थे। इसमें दो ट्रायल राउंड व बाकि चार प्रतियोगिता में अंक हासिल करने वाले राउंड थे।देश में पहली बार सेना द्वारा आयोजित एक्यूरेसी कप में सेना के सभी विंगों के प्रतिभागी भाग ले रहे थे। इसके अलावा अर्द्ध सैनिक बलों से असम राइफल और बीएसएफ के प्रतिभागी भी इस प्रतियोगिता में भाग ले रही है। इसमें भारतीय थल सेना से आठ, नेवी से चार, एयर फोर्स से पांच, असम राइफल से तीन व बीएसएफ से चार प्रतिभागियों ने भाग लिया।
प्रभावित नहीं हुई टेंडम उड़ानें
बिलिंग में आयोजित किसी प्रतियोगिता के दौरान यह पहला मौका था कि इस इवेंट के कारण कोई भी टेंडम उड़ान प्रभावित नहीं हई। सभी टेंडम उड़ाने इस दौरान होती रही। इसमें कहीं भी व्यवधान नहीं पड़ा। इससे टेंडम उड़ानें करवाने वाले पायलट भी खुश नजर आए और पर्यटकों ने भी खूब आनंद लिया।
हर बार होगा आयोजन
बिलिंग में पहली बार सेना द्वारा आयोजित यह प्रतियोगिता हर साल होगी। सेना के अधिकारी खुद इस आयोजन को करवाने के इच्छुक हैं। हालांकि अभी तक यहां सेना ने पहली बार केवल एक्यूरेसी कप का ही आयोजन किया है। लेकिन अगली बार से सेना यहां क्रास कंट्री प्रतियोगिता भी आयोजित कर सकती है। ताकि सेना के पायलट भी दुरुह पहाड़ों में उड़ान का अनुभव हासिल कर सके। एक्यूरेसी कप में पायलट को लैडिंग के लिए बनाए गए निर्धारित गोले के अंदर ही उतरना होता है। इसमें टेक ऑफ से उड़ान भरी और कुछ देर में लैडिंग साइट में उतर जाते हैं। जबकि क्रास कंट्री में प्रतिभागियों को 50 से सौ किलोमीटर तक की उड़ान का एक लक्ष्य दिया जाता है, उसे निर्धारित समय पर पूरा करके सबसे पहले पहुंचने वाले पायलट को विजेता माना जाता है।
क्या है एक्यूरेसी चैंपियनशिप
बिलिंग में पहली बार सेना द्वारा आयोजित यह प्रतियोगिता यहां हर साल होने वाली क्रास कंट्री प्रतियोगिता से अलग है। इस बार यहां एक्यूरेसी कप का आयोजन हो रहा है। इसमें पायलट को लैडिंग के लिए बनाए गए निर्धारित गोले के अंदर ही उतरना होता है। इससे ही उसे अंक मिलते हैं। इसके लिए लैडिंग साइट में दस मीटर का गोला लगाया जाता है। इसके अंदर तीन बड़े गोले लगाए जाते हैं। बड़े गोले में उतरने पर अधिक मिलते हैं। सभी राउंड की समाप्ति पर जिस प्रतिभागी के सबसे अधिक अंक होते हैं, उसे विजेता घोषित किया जाएगा। जबकि क्रास कंट्री में प्रतिभागियों को 50 से 100 किलोमीटर तक की उड़ान का एक लक्ष्य दिया जाता है, उसे निर्धारित समय पर पूरा करके सबसे पहले पहुंचने वाले पायलट को विजेता माना जाता है।