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स्कूल हैं या लूट के अड्डे, एडमिशन फीस के नाम पर कर रहे मनमानी

नवनीत बत्ता |

एडमिशन के नाम पर निजी स्कूलों में लूट जारी है। प्रत्येक कक्षा में दाखिले के नाम पर ज्यादा एडमिशन फीस वसूली जा रही है। ऐसे में शिक्षा के अधिकार अधिनियम की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। हमीरपुर के निजी स्कूलों में एडमिशन फीस के नाम पर लूट की जा रही है। निजी स्कूलों की मनमानी से अभिभावकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। स्कूल में एडमिशन के दौरान जब फीस की बात होती है तो अन्य जिलों की तरह हमीरपुर में भी ऐसी ही स्थिति है। लोगों में इस बात को लेकर निराशा है की मीडिया चुप क्यों है।

करीब हर स्कूल में 500 से 1000 रुपयों तक बढ़ोतरी अभिभावकों की समझ से इस लिए परे हैं। क्योंकि, 3000 से लेकर 8000 रूपये तक अतिरिक्त एडमिशन फीस स्कूल अभिभाकों से ले ही रहें हैं। साथ ही जैसा की हर साल होता था वैसा ही स्कूल बुक्स, ड्रेस के लिए भी उसी तरह अमाउंट सहित जानकारी दी जा रही है जैसे पहले देते हैं। इस तरह से कोई बदलाव कहीं हुआ है तो बस इतना ही की एडमिशन का प्रारूप बदला दिया गया है और इसके साथ ही स्कूल फीस महंगी कर दी गई है।

हमीरपुर में भी अभिभावक इसको लेकर खासे चिंतित हैं की सरकार का एडमिशन फीस ना लेने का फरमान कहीं न कहीं उल्टा पड़ता नज़र आ रहा है और शिक्षा सस्ती हने के बजाये अब 50 फीसदी तक बढ़ गई है। रजनीश ,विशाल ,अनिल ,नितिन , कमल जैसे युवा कहते हैं की बच्चों को अच्छी शिक्षा देना जरूरी है लेकिन सरकार के आदेशों का विपरीत असर हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे तो पहले के ही नियम ठीक थे इससे फीस बढ़ोतरी तो नहीं हो रही थी लेकिन ये फरमान अभिभावकों पर उल्टा पड़ता नज़र आ रहा है और सरकार का मजाक बनता नज़र आ रहा है।