हिमाचल पथ परिवहन निगम के सब डिपो और वर्कशॉप कार्यशाला अबढानीघाट में खोलने को लेकर स्थानीय लोग सरकार के खिलाफ लामबन्द हो गए हैं। लोगों का आरोप है कि यहां पर इसका निर्माण कार्य करने से सरकारी और निजी स्कूल, पुराने मन्दिर ,मेला स्थल ,रिहायशी इलाके में बसे लोग, क्यारी, अबढानी और कुलारू गांव के परिवार प्रभावित होंगे।
हिमाचल किसान एवं जन कल्याण सभा के प्रदेशाध्यक्ष बृज लाल शर्मा के नेतृत्व में गुग्गा मन्दिर व मेला कमेटी प्रधान पवन जांबाल की अध्यक्षता में स्थानीय लोगों ने उपमंडलाधिकारी ने घुमारवीं शशि पाल शर्मा और उनके माध्यम से मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर, विधायक राजेन्द्र गर्ग और उपायुक्त बिलासपुर को अबढानी घाट में प्रस्तावित सब डिपो और वर्कशॉप कार्यशाला निर्माण के विरोध में ज्ञापन सौंपा गया है।
इस शिकायत और विरोध ज्ञापन में लोगों ने कहा है कि इस बनने वाली कार्यशाला व सबडिपो को यहां के बजाय किसी दूसरे अन्य स्थान पर स्थापित किया जाय जहां एकांत स्थान पर खाली भूमि हो और रिहायशी इलाके, शिक्षण संस्थान व धार्मिक स्थल प्रभावित न होते हो औऱ न ही लोगों की आपत्ति हो वहां बना दिया जाए ।
लोगों का कहना है कि अबढानी व क्यारी गाँव बहुत घने हैं और जहां लगभग 200 से अधिक परिवार हैं साथ में राजकीय प्राथमिक पाठशाला इसी ग्राउंड में एक साइड में चलती है जिन नन्हे मुन्ने बच्चों का खेल मैदान भी यही मेला ग्राउंड है , निजी स्कूल व कॉलेज, पुरातन गुग्गा मन्दिर ,गुग्गा मेला आस्था का केंद्र ,सम्पर्क सड़कें व रास्ते मौजूद हैं। इस गुग्गा मंदिर में राजाओ के समय से गुग्गा के मेले इस ग्राउंड में होते है। जो लोगों की धार्मिक आस्था है। उस धार्मिक आस्था से लोगो के साथ खिलवाड़ न किया जावे। इस गुग्गा मन्दिर के मेलो को देखने के लिये लोग दूर दूर से आते है। जो पुरातन समय से चलता आ रहा है।
इन्होंने स्थानीय विधायक को भी चेतावनी देते हुए कहा कि इस वर्कशॉप कार्यशाला डिपू को कही दूसरी जगह खुलवाया जावे। अगर ऐसा न हुआ तो लोग सड़को पर उतर कर आपके खिलाफ संघर्ष करने पर मजबूर हो जायेगे। जिसका खामियाजा आपको स्वयं ही भुगतना पड़ेगा। इसलिये इसे समय रहते ही कही दूसरी जगह जहां एकांत जगह हो वहां खुलवाया जाए। लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार व प्रशासन एकांत खुली और खाली भूमि पर हिमाचल पथ परिवहन निगम घुमारवीं के सबडिपो व वर्कशॉप को स्थापित करवाये । इन्होंने प्रदेश सरकार व प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी भावनाओं और मांगों को दरकिनार किया गया तो लोगो को संघर्ष के लिए बाध्य होना पड़ेगा। जिसकी जिम्मेवार सरकार और प्रशासन होगा।