कहावत है कि दीपक तले अंधेरा जो जयसिंहपुर में पूर्ण रूप से चरितार्थ हो रही है। जयसिंहपुर जिसके साथ ब्यास नदी बहती है हालांकि इसी ब्यास नदी के तट पर कई पेयजल योजनाएं स्थापित की गई हैं। इसके पानी को दूरदराज के सैंकड़ों गावों के हज़ारों लाखों लोगों और जानवरों की प्यास बुझाने के साथ-साथ सिंचाई के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन ब्यास नदी के मुहाने पर स्थित जयसिंहपुर वासियों को प्यासा रहना पड़ रहा है। इसमें अब दोष विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों को दें या लोगों को यह कहना थोडा मुश्किल है लेकिन यह बात भी सच है कि विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों की अनदेखी के कारण लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। कई जगह तो पानी दूसरी, तीसरी मंजिल तक पहुंच रहा है तो कहीं ज़मीन लेवल पर भी नलों में भी नहीं आ रहा।
जयसिंहपुर में कई जगह तो पानी की सप्लाई ठीक है लेकिन कई जगह लोग पानी की बूंद के लिए भी तरस रहे हैं। लोगों का यहां तक कहना है कि पानी न आने की शिकायत कई बार लिखित, मौखिक और टेलिफोन के माध्यम से की लेकिन विभागीय अधिकारी और कर्मचारी सब अनदेखा कर देते हैं और उलटे उहीं को अपनी पाइपलाइन चेक करवाने की सलाह दे देते हैं। हालांकि समस्या किसी एक घर की हो तो भी उनकी बात मान लें लेकिन जब समस्या कई घरों में हो तो क्या किया जाए।
जयसिंहपुर के वार्ड नम्बर 6 सूद मोहल्ला के लोगों का कहना है कि पिछले लगभग कई दिनों से नलकों में पानी नहीं आ रहा। लोगों द्वारा खुलेआम टुलू पम्प का प्रयोग करने से परेसानी बढ़ रही है और विभाग जानकारी होने के बावजूद जिम्मेदारी से मुहं मोड़ आंखे मूंद कर बैठा है जबकि लोग पानी की एक एक बूंद को तरस रहे हैं। इस बारे जब विभाग के जेई सुनील कुमार का कहना है कि वह लोगों की समस्या से अवगत हैं। कुछ ही समय में नई पाइपलाइन डालने का प्रावधान किया जा रहा है ताकि समस्या का समाधान हो सके।