Follow Us:

चंबा के इस गांव में मोबाइल नेटवर्क को तरसे लोग, चुनाव बहिष्कार का लिया फैसला

नीतिश शर्मा, चंबा |

चंबा जिला के डलहौजी विधानसभा क्षेत्र में जम्मू कश्मीर की सीमा के साथ लगते गांव लंगेरा में मोबाइल नेटवर्क ना होने के चलते दिक़्क़तों की वजह से वहां के ग्रामीणों में आने वाले लोकसभा चुनावों के बहिष्कार का फैसला किया है। दरअसल, इस क्षेत्र में करीब 15 सालों से बीएसएनल का टावर तो लगा दिया गया है लेकिन उसमें सिग्नल ना होने की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अगर यहां के इलाके के लोगो को अगर किसी को सूचना भेजनी हो तो उन्हें करीब 15 किलोमीटर दूर आकर बात करनी पड़ती है।

यहां जम्मू कश्मीर के साथ लगती सीमा पर पुलिस विभाग को भी काफी परेशानी होती है वैसे तो पुलिस द्वारा यहां वायरस के जरिए आपस में तालमेल बनाया जाता है लेकिन अगर किसी ने अपनी निजी बात करनी हो तो उन्हें बिना मोबाइल नेटवर्क के काफी दिक्कत होती है। लोग इस बात से इतने दुखी हो चुके हैं कि उन्होंने इस बार फैसला किया है कि अगर कोई उन्हें यह लिखित तौर पर आश्वासन देगा कि उनकी समस्या को जल्द हल किया जाएगा तब जाकर वह मतदान करेंगे वरना इस बार वह पूरी तरह से चुनावों का बहिष्कार करेंगे।

पंचायत के लोगो ने अपनी यह समस्या पंचायत के प्रस्ताव में भी डाल दी है। यहां के स्थानीय लोगों ने बताया जिस तरह से केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया की बात करती है तो उन्हें नहीं लगता डिजिटल इंडिया किसी तरह से यहां कामयाब हुआ हो क्योंकि उन्हें नेटवर्क के बिना काफी दिक्कत होती है।

ऑनलाइन सेवाओं से रहना पड़ रहा वंचित

लोगों ने बताया कि आजकल हर काम ऑनलाइन हो रहे हैं और यहां नेटवर्क ना होने की वजह से उनके बच्चों को नौकरी के लिए फॉर्म या अन्य किसी भी प्रकार की ऑनलाइन सेवाओं के लिए वंचित रहना पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि अगर यहां कोई बीमार होता है तो उसके लिए 108 एंबुलेंस मंगवाने में काफी परेशानी होती है उन्हें खासकर जब गर्भवती महिलाओं को आपातकाल के लिए एंबुलेंस लानी हो तो उन्हें यहां से करीब 12 किलोमीटर दूर जाकर फोन करना पड़ता है और इस अंतराल में महिला की डिलीवरी वहीं पर हो जाती है जिससे काफी जोखिम रहता है। उन्होंने सरकार को चेताया है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी जाती है या कोई राजनेता यहां आकर उन्हें लिखित तौर पर विश्वास नहीं देता है तो वह इस बार के लोकसभा चुनावों का पूरी तरह से बहिष्कार करेंगे और अगर उनकी बात मानी जाती है तो वह जरूर मतदान करेंगे।

15 साल पहले  लगा था बीएसएनल का टावर

यहां के पंचायत प्रधान इकबाल मागरा ने बताया कि उनके क्षेत्र में करीब 15 साल पहले बीएसएनल का टावर तो लगा दिया गया था लेकिन उसमें सिग्नल की सुविधा ना होने की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पंचायत उपप्रधान ने बताया इसके लिए वह कई बार प्रशासन,सरकार व अलग-अलग पार्टियों के नुमाइंदों से गुहार लगा चुके हैं लेकिन उनकी बात को अभी तक किसी ने भी नहीं माना है। उन्होंने एक बार फिर से सरकार से आग्रह किया कि जल्द से यहां बीएसएनएल की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए ताकि लोगों की किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।