केसीसी बैंक भर्ती प्रक्रिया के बाद अब हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPPSC) की भर्ती प्रक्रिया पर भी लगातार सवाल उठ रहे है। शुक्रवार को ही शिमला से ममता ने आयोग पर धांधली के आरोप लगाए थे तो वहीं अब धर्मशाला की रहने वाली 34 वर्षीय मोनिका ने भी आयोग के भर्ती प्रक्रिया को गलत करार देते हुए खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
मोनिका ने कहा कि उसने इंग्लिश के पेपर में सेंकड टॉपर का स्थान हासिल किया था। इंटरव्यू के दौरान उसने 12 प्रश्नों में से करीब 11 के उत्तर दिए और उसे 52 नंबर देकर बाहर कर दिया गया। उनका कहना है कि एक तरफ सरकार इंटरव्यू खत्म करने की बात करती है तो दूसरी ओर लिखित में अच्छे अंक लाने वालों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।
यह स्पष्ट करना जरूरी है कि आयोग ने जब पदों के लिए विज्ञापन निकाला था तो स्पष्ट किया था कि अंतिम चयन साक्षात्कार के आधार पर ही होगा। लेकिन, अभ्यर्थियों का आरोप है कि रिजल्ट के तीन हफ्तों बाद नंबर घोषित क्यों किए गए? जबकि इतना समय नहीं लगता…
आयोग ने पहले रिजल्ट घोषित कर दिया, जबकि लिखित और इंटरव्यू के नंबर कुछ हफ्तों बाद जारी किए गए। आयोग का ऐसा करना केवल चुने हुए उम्मीदवारों को जॉइनिंग देना है। मोनिका ने कहा कि अब ऐसा लग रहा है कि उन्हें राजनीतिक सिफारिश ना होने की वजह बाहर किया गया है। लेकिन, वह इस मामले की जांच करवा कर रहेंगी। उन्होंने अपने स्तर पर सामान्य वर्ग के तमाम चयनित प्रत्याशियों की सूची तैयार कर ली है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि इस सूची से सब दूध का दूध और पानी का पानी होगा।
पीएम कार्यालय को लिखी थी चिट्ठी
34 वर्षीय मोनिका सामान्य वर्ग में तीसरी बार इंटरव्यू में अपीयर हुई थीं। उन्होंने बताया कि तकरीबन एक सप्ताह पहले प्रधानमंत्री कार्यालय को भी आयोग की धांधली बारे अवगत करवाया गया था, लेकिव वहां से फिलहाल अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।