आपने पौराणिक युग में श्रवण कुमार के बारे में तो सुना होगा जिसने अपने माता-पिता को तीर्थ यात्रा कराई थी। उस युग में श्रवण कुमार ने कावड़ बनाई थी, जिसमें एक ओर अपने पिता तो दूसरी ओर अपनी माता को बिठाकर अपने कंधे के सहारे तीर्थ यात्रा कराई थी। इस कलयुग में भी श्रवण जैसा बेटा हैं जिससे हम आपको रू-ब-रू करवाने जा रहे हैं जो अपने अपाहिज चाचा को कंधे पर उठाकर यात्रा करवा रहा हैं।
जी हां हरियाणा के जिला फतेहाबाद गावं महमदपुर रोहि एक भतीजे और चाची ने मिलकर अपने कंधे पर उठाकर अपने अपाहिज चाचा को नौ देवी दर्शन यात्रा करवाई और अपाहिज चाचा की कई वर्षों की इच्छा को पूरा किया।
अपाहिज चाचा ने अपनी ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि जहां पर आज के इस युग में अपने अपाहिज मां-बाप की सेवा नहीं करते वहीं पर मेरा पूरा परिवार मेरी धर्मपत्नी और मेरा भतीजा मुझे देवी दर्शन यात्रा करवा रहे हैं और हर मंदिर में अपने कंधों पर उठाकर पहुंचा रहे हैं।
विश्व विख्यात शक्ति पीठ श्री नैना देवी में भी सेंकडों पौड़ियों की चढ़ाई भतीजा और उसकी धर्मपत्नी कंधों पर उठाकर लाये हर कोई श्रद्धालु इस भतीजे और धर्मपत्नी की भक्ति को देखकर हैरान थे और आशा कर रहे थे कि ऐसा परिवार सभी को मिले।