कुल्लू में बहुचर्चित पीरडी कूडा सयंत्र में नगर परिषद को मिले स्टे की समय सीमा बढ़ाने के लिए कुल्लू नप द्वारा लगाई गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने डिसमिस कर दिया है। कुल्लू नगर परिषद ने पहले चार सप्ताह अौर फिर 8 सप्ताह का स्टेस लिया था और 2 जनवरी को 8 सप्ताह की स्टे की समय सीमा समाप्त हो रही है जिसे और आगे बढ़ाने के लिए नगर परिषद ने फिर से याचिका लगाई थी लेकिन, उसे अब सुप्रीम कोर्ट ने इस तक के साथ डिसमिस कर दिया है कि कूडा सयंत्र को लेकर एनजीटी ने जो 19जून 2017 को आदेश दिए थे कोर्ट के पास इसमें इंटरफेयर करने के लिए कोई वजह नहीं है जिस कारण नगर परिषद की याचिका को डिसमिस कर दिया है।
लिहाजा कोर्ट ने पुरानी याचिकाओं को भी डिस्पोज कर दिया है। गौरतलब है कि एनजीटी द्वारा 19 जून, 2017 दिए गए आदेश में नगर परिषद कुल्लू और प्रशासन को स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि ब्यास के साथ बनी पीरड़ी कूड़ा सयंत्र साईट को तुरंत प्रभाव से स्थानांतरित किया जाए लेकिन नगर परिषद और प्रशासन ने एक साल तक इस मामले में कोई खास कदम नहीं उठाया।
लेकिन, जब ग्रामीणों ने एनजीटी के आदेशों को धरातल पर उतरने के लिए प्रदर्शन किया तो नगर परिषद ने स्टे लिया और साईटें ढूंढने को पहले 4 सप्ताह का समय मिला और उसके बाद फिर से 8 सप्ताह का समय सुप्रीम कोर्ट से लिया गया।
उधर, कुल्लू नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी तेज सिंह ठाकुर का कहना है कि नगर परिषद द्वारा लगाई गई याचिका डिसमिस कर दी है। उनका कहना है कि नगर परिषद ने जहां जहां भी सयंत्र स्थापित करने के लिए साईटें ढूंढी कोई भी एनओसी देने को तैयार नहीं है। ऐसे में नगर परिषद कुल्लू ने फिर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका प्रेषित की है।