मंडी के सुंदरनगर जहरीली शराब कांड में पुलिस ने कई लोगों की गिरफ्तारियां की है। दैनिक अख़बार का मुताबिक, कांड का एक मुख्य आरोपी कालू उर्फ नरेंद्र कुमार सुंदरनगर के भनवाड़ पंचायत के छज्वार का रहने वाला है। जब 17 जनवरी को जहरीली शराब मामले में मौत का सिलसिला शुरू हुआ तब से वे ग़ायब चल रहा था। उसका फोन भी बंद था। लेकिन किसी तरह एसआईटी टीम ने जांच पड़ताल के बाद उसे पकड़ लिया। पुलिस के हत्थे चढ़ने से इस आरोपी के काले कारनामे बाहर आने की उम्मीद है।
दैनिक अख़बार की मानें तो कालू 12 साल से अवैध शराब का कारोबार कर रहा था। शराब के कारोबार से उसने करोड़ों रुपये की चल अचल संपत्ति बनाई है। उसकी पांच बसें भी हैं जबकि करीब 80 लाख रुपये की पोकलेन फोरलेन के काम में कुल्लू में एक निजी कंस्ट्रक्शन कंपनी के पास लगा रखी है। वह 16 जनवरी की रात को घर में था। 17 जनवरी की सुबह वह घर से यह कहकर निकला था कि किसी जरूरी काम से जा रहा है। शाम तक वापस आ जाएगा। शाम तक जब वह घर वापस नहीं लौटा तो पत्नी ने मोबाइल फोन पर संपर्क करना चाहता तो फोन स्विचऑफ था।
19 जनवरी की सुबह जहरीली शराब से सलापड़ और कांगू में सात लोगों की मौत के बाद वह भूमिगत हो गया था। 20 जनवरी की सुबह सुंदरनगर पुलिस की टीम पंचायत प्रधान उर्मिला के साथ कालू के घर गई थी तो पत्नी ने बताया था कि मोबाइल फोन स्विचऑफ है। मीडिया रिपोर्ट का दावा है कि कालू के बारे में गांव का बच्चा-बच्चा जानता था कि वह अवैध शराब का कारोबार करता है और उसने अकूत संपत्ति बना रखी है। कालू अपने गिरोह के साथ छज्वार से अवैध शराब की सप्लाई करता था।
जंगल से जाती थी शराब, पुलिस में भी थी पहुंच
सलापड़ से शराब की खेप छज्वार पहुंचानी हो या फिर छज्वार से सप्लाई भेजनी हो इसके लिए कालू का गिरोह भनवाड़ बोबर भवाणा सड़क का प्रयोग करते थे। इस मार्ग गांव औऱ जंगल के रास्ते से होकर जाता है और पुलिस की पहुंच से दूर है। कालू ने इस पूरे रैकेट को चलाने के लिए अपने साथ कई लोगों को जोड़ रखा था। सरकार चाहे किसी भी दल की हो उसकी पूरी तरह तूती बोलती थी। पुलिस से पूरी सांठगांठ थी। यही वजह थी कि उसका अवैध कारोबार का साम्राज्य पूरी तरह फलता फूलता गया। अब एसआइटी के हत्थे चढ़ने से कालू के काले कारनामें एक एक कर बाहर आने की उम्मीद है। इसके साथ ही कालू मुख्य सरगना तक पहुंचने में भी सहायक सिद्ध हो सकता है।