झोलाछाप नीम हकीमों की अब खैर नही है। सोलन पुलिस की नजर इन दिनों उन पर है जो सड़क के किनारे तंबू और गाड़ियां खड़ी कर लाइलाज बीमारियों को ठीक करने का दावा कर रहे है। इसी कड़ी में एसएसपी मधुसूदन के निर्देशानुसार सोमवार से एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस की टीम ने सोलन के सभी क्षेत्रों में जा कर नीम हकीमो व वैद्यों पर कार्यवाही की।
इस दौरान मिनी सेक्ट्रेट रोड पर खड़े एक वाहन में चल रहे जड़ी बूटी और आयुर्वेदिक दवाई बेचने वालों पर शिकंजा कसा। इस दौरान सोनू निवासी नालागढ़ की गाड़ी में रखी जड़ी बूटियों और दवाओं को चैक किया। जिसमें ये जड़ी बूटियां बेचने वाला पुलिस को नहीं बता पाया कि उसके पास कौन-कौन सी दवाइयां हैं और जिस गाड़ी में वह दवाइयां बेच रहा था उसके कागज़ात भी उसके पास नहीं थे।
मौके पर मौजूद एएसआई भूम प्रकाश ने बताया कि गाड़ी में रखी जड़ी बूटियों असली हैं या नकली इसकी तफ्तीश की जाएगी साथ ही अगर यह लोग गाड़ी के कागज़ात नहीं दिखा पाए तो इनकी गाड़ी को भी जब्त किया जाएगा।
गौर रहे कि इस तरह के झोले छाप नीम हकीम जोड़ो का दर्द, बवासीर, पेट की बीमारियो, शारीरिक कमजोरी जैसी लाइलाज बीमारियों को ठीक करने के दावे करते हैं, न तो इन नीम हकीमों के पास कोई रजिस्टे्रशन नंबर है और न ही कोई ऐसा प्रमाण पत्र और न ही प्रदेश में इन दवाईयों को बेचने की कोई अनुमति है। चंबाघाट मार्ग व आसपास के क्षेत्रों में ऐसे नीम हकीम बैठे है जो लाइलाज बीमारियों के उपचार के नाम पर लोगों को चूना लगा रहे हैं और जड़ी-बूटियों के नाम पर बेवकूफ बनाकर लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।
सबसे बड़ी बात ये है कि ये खुद को डॉक्टर भी बताते हैं, इसके अलावा इनकी जड़ी बूटियों से निर्मित दवाइयों की कीमत किसी भी बड़ी कम्पनी की दवाओं से कई गुना अधिक है। सोलन में कई स्थानों पर यह लोग पूरे परिवार सहित बाहर से आकर बसे हुए है तथा इन लोगो ने कही पर भी अपना और अपने परिवार का पंजीकरण नहीं करवा रखा है।