हिमाचल के कांगड़ा के अति दुर्गम पंचायत बड़ा भंगाल में 2009 के लोकसभा के चुनावों में चुनाव आयोग ने मतदान केंद्र स्थापित किया था पर इस पोलिंग स्टेश्न पर एक मत भी नहीं पड़ा था। इसका कारण गांव में सैंचुरी एरिया के मसले और मूलभूत सुविधाओं के अभाव को लेकर वोट डालने का बहिष्कार किया गया था।
बैजनाथ विधानसभा के अंतर्गत पड़ने वाली इस पंचायत में चुनाव आयोग ने 4 बार हैलीकाप्टर के जरिये पोलिंग अधिकारियों व चुनाव से संबंधित सामान लाखों रुपए खर्च कर यहां पहुंचाया गया था परंतु वोटरों की नाराजगी से सारा इंतजाम धरा का धरा रह गया था।
लोगों को 70 किमी पैदल चलकर वोट डालने के लिए लंबे सफर तय कर बीड़ गांव आना पड़ता था। लगभग 700 की आबादी वाले इस गांव में 200 से 250 वोटर हैं तथा इन सर्दियों के दिनों में 40 से 50 लोग ही इस गांव में रह जाते हैं जबकि अन्य लोग बीड़ व बरोट के इलाकों में वापिस आ जाते हैं।
वर्ष 2012 के विधानसभा के समय चुनाव आयोग ने बड़ा भंगाल के लिए पोलिंग स्टेशन बीड़ में ही बनाने का आदेश दिया। वर्ष 2014 लोकसभा के चुनावों में भी इस दुर्गम क्षेत्र के लोगों के लिए मतदान केंद्र ने चुनाव आयोग ने बीड़ में ही रखा जिससे वहां के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था।
बड़ा भंगाल के लोगों की मांग पर चुनाव आयोग ने इस बार भी इस अति दुर्गम इलाके में पोलिंग स्टेशन बनाने की तैयारी की है। हैलीकाप्टर द्वारा इस क्षेत्र की रैकी कर पूरा इंतजाम सुनिश्चित किया जा रहा है ताकि एक भी वोटर मतदान से वंचित न रहे। ऐसे में 9 नवम्बर को मौसम ने साथ दिया तो वहां रह रहे सभी वोटर अपने वोट का प्रयोग कर सकेंगे।