हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड की बहुचर्चित भर्ती पोस्ट कोड 556 गत 4 सालों से चयन आयोग द्वारा अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। कोर्ट के फेर में उलझी भर्ती पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आख़िरी निर्णय 29 अगस्त 2019 को दे दिया है। ज्ञात रहे कि अक्टूबर 2016 से शुरू हुई भर्ती सितंबर 2019 तक पूरी न होना चयन आयोग की नाकामी दर्शाता है। सनद रहे कि उक्त भर्ती के लिए पूर्व में भी अभ्यर्थियों द्वारा दो बार अनशन और कई मर्तबा आंदोलन कर चुके हैं। अभ्यर्थियों का आरोप है कि पोस्ट कोड 447 में अभ्यर्थियों को जॉइनिंग 14 दिन के अंदर 53 विभागों द्वारा एकमुश्त दी गयी थी। लेकिन पोस्ट कोड 556 की भर्ती प्रक्रिया को बेवज़ह लटकाया जा रहा है।
अभ्यर्थियों द्वारा कई बार चयन आयोग के अधिकारियों से नियुक्ति को लेकर संपर्क किया गया तो अभ्यर्थियों को अलग-अलग जवाब मिलते हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि एकतरफा चयन आयोग अगस्त 2018 में ट्रिब्यूनल के समक्ष अपने जवाब में विभिन्न विभागों में कार्य की अधितकता बताकर अंतिम परिणाम को गत साल में निकालने के लिए अति उत्सुक था मगर पोस्ट कोड 556 में माननीय उच्च न्यायालय से अंतिम निर्णय आने के पश्चात अनुसंशा पत्र विभागों को न भेजना समझ से परे है।
गौरतलब है कि पोस्ट कोड 556 के अंतिम परिणाम में सिर्फ़ 596 अभ्यर्थी ही चयनित हुए हैं और उनको नियुक्ति न मिलना अधिकारियों की जवाबदेही का परिणाम है! याद रहे कि पोस्ट कोड 447 में 1413 अभ्यर्थियों की नियुक्ति दो सप्ताह के भीतर सम्पन्न हो गयी थी। अभ्यर्थियों का कहना है कि डिजिटल सिस्टम होने के वाबजूद नियुक्तियों में देरी सोच से पर है। चयनित अभ्यर्थियों ने पुरज़ोर मांग की है कि अगर 16 सितंबर तक चयन आयोग द्वारा अनुसंशा पत्र जारी नहीं होते हैं तो वे अपनी नियुक्ति को सुनिश्चित करने के लिए आयोग के कार्यालय के बाहर इकट्ठे होंगे।