करीब दो साल से विवादों में घिरी पोस्ट कोड संख्या 556 की भर्ती के अंतिम नतीजे में दोबारा पेंच फंस़ गया है। पदों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को लेकर सरकार सहित आयोग को लीगल नोटिस जारी हुआ है। हालांकि आयोग ने नोटिस मिलते ही सरकार से स्पष्टीकरण मांग लिया था, लेकिन 9 दिन बीत जाने के बावजूद सरकार से जवाब नहीं मिला है। लीगल नोटिस में सुप्रीम कोर्ट के 5 दिसंबर के आदेश का हवाला दिया गया है।
जानकारी के अनुसार कार्मिक विभाग द्वारा इन पदों के लिए कॉमन आर एंड पी रूल बनाए गए हैं। दरअसल इन पदों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तकनीकी है। लिहाजा न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता वालों का तर्क है कि उच्च शिक्षा हासिल करने वालों ने न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता हासिल नहीं की है। मसलन, यह कहा जा रहा है कि बीसीए या फिर एमसीए करने वालों ने न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता के तहत अलग से डिप्लोमा नहीं किया हुआ है। सनद रहे कि अंतिम नतीजे को लेकर अभ्यार्थियों ने आयोग के मुख्यालय में कई दिन तक क्रमिक भूख-हड़ताल भी की थी।
जानकारों का कहना है कि जिस दिन हड़ताल खत्म की गई, उसी दिन आयोग को लीगल नोटिस मिला था। बताया जा रहा है कि सरकार के स्पष्टीकरण के बाद 10 से 15 दिन का वक्त नतीजा घोषित करने में लगेगा। नतीजे की इंतजार कर रहे अभ्यार्थियों को उम्मीद थी कि 31 दिसंबर तक परिणाम घोषित हो जाएगा।
उधर हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के सचिव डॉ. जितेंद्र कंवर ने लीगल नोटिस मिलने की पुष्टि करते हुए कहा कि सरकार से स्पष्टीकरण मांगा गया है। पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि स्पष्टीकरण मिलने के बाद भी दो सप्ताह का वक्त लग सकता है।