हिमाचल में पानी की समस्या के चलते आने वाला बिजली संकट टल गया है। पहाड़ों में बर्फ पिघलने से प्रदेश में बिजली उत्पादन बढ़ना शुरू हो गया है। इससे अब प्रदेश में पावर कट नहीं लगेंगे। इससे पहले प्रदेश में बिजली का उत्पादन एक तिहाई रह गया था। गर्मियों में अन्य राज्यों को बिजली बेचने वाले हिमाचल को रोजाना 70 लाख यूनिट से अधिक बिजली पंजाब से बैंकिंग पर और एक्सचेंज से खरीदनी पड़ रही थी। बिजली उत्पादन घटने से कुछ दिन पहले बिजली बोर्ड ने औद्योगिक इकाइयों सहित घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली कट लगाने के लिए कहा था।
अब प्रदेश को इन दिनों रोजाना करीब 450 लाख यूनिट बिजली प्राप्त हो रही है। उपभोक्ताओं को रोजाना 280 लाख यूनिट की जरूरत है। शेष बिजली पड़ोसी राज्यों को बैंकिंग पर देने के अलावा बेची जा रही है। इसमें 170 लाख यूनिट रोजाना नोएडा और दिल्ली को सप्लाई की जा रही है।
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बड़े उद्योगों को थी चिंता
बिजली उत्पादन घट जाने से बिजली बोर्ड ने पावर कट के लिए कहा था, औद्योगिक इलाकों में कई जगह कट लग रहे थे। इससे उद्योगों पर मार पड़ रही थी। अब जब बिजली उत्पादन बढ़ा है तो बोर्ड ने औद्योगिक इकाइयों में भी बिजली कट नहीं लगाने की बात कही है।
इससे उद्योग मालिकों की चिंता खत्म हो गई है। क्योंकि, सोलन के बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़, ऊना के मैहतपुर और परवाणू में बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं।