हमीरपुर में जनमंच कार्यक्रम क्या हुआ कि बिजली बोर्ड में त्याग पत्रों का भूचाल जैसा आ गया। पहले तो मंत्री विरेंद्र कमर ने पतलंदेर में बोर्ड से जूनियर अभियंता अनिल कुमार को लेकर विभागीय जांच बिठा दी और उसे निलंबित करने की बात कही। इसके बाद विभाग ने इस जांच को बैठा दिया लेकिन इसी बीच अनिल कुमार ने अपना त्यागपत्र दे दिया। अब इसके बाद जंगल बेरी से जूनियर अभियंता प्रदीप कुमार ने भी अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है और उसने कहा है कि वह अपने इस कार्यभार से मुक्त होना चाहते हैं। क्योंकि वह समझते हैं कि वह इस काम को करने में फिट नहीं है।
इस तरह से 10 दिनों के भीतर बिजली विभाग के दो त्यागपत्र हमीरपुर जिला से आए हैं जो कि चौकाने बाली बात है। अधीक्षण अभियंता संजय दीवान का कहना है कि बुधवार को अनिल द्वारा त्याग पत्र की कॉपी उन्हें मिल चुकी है और अब इस मामले में अगली इंक्वायरी का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। संबंधित अधिकारी की ही गलती रही थी क्योंकि ठेकेदार ने तो ट्रांसफार्मर लगाकर अपना कार्य पूरा कर दिया था और बाकी कनेक्शनों का काम जेई का ही होता है। लेकिन वह अपना काम समय पर पूरा नहीं कर पाए।
वहीं, जूनियर अभियंता संघ अपने कर्मचारी के पक्ष में उतर चुका है और संघ के प्रधान सुरेश कुमार, सचिव दीपक चौहान मीडिया प्रभारी शशिकांत ने कहा है कि इस मामले में जेई को ही पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया जाना बिल्कुल गलत बात है। आला अधिकारी द्वारा भी इस मामले की कोई समीक्षा नहीं की गई और ना ही ठेकेदार पर कोई कार्यवाही की गई। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि संबंधित जूनियर अभियंता का इस्तीफा नामंजूर करें और इस मामले की पूरी जांच करवाएं ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।