प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को समाज से जोडऩे के लिए विभाग द्वारा शुरू की गई कोशिश (हर हाथ को काम की पहल) देश के अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल बनी हुई है। प्रदेश की विभिन्न जेलों में सजा काट रहे कैदियों के अंदर उनकी कला को तराश कर उसे उजागर करने के लिए हिमाचल प्रदेश कारागार विभाग लगातार काम कर रहा है। इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए शिमला में ऐतिहासिक गैएटी थिएटर में कैदियों द्वारा जेल में तैयार किए गए उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है जो 4 दिन तक चलेगी।
महानिदेशक कारागार एवं जेल सुधार निदेशालय हिमाचल प्रदेश सोमेश गोयल ने बताया कि जेल विभाग का हमेशा से यह प्रयास रहा है कि प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के उत्थान के लिए कार्य किए जाएं और इसी उद्देश्य से प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों को विभिन्न तरह के उत्पादों को तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रदर्शनी में सभी जिलों की जेलों में तैयार किए गए विभिन्न प्रकार के बेकरी बिस्किट, चॉकलेट, बादाम, वुड और लोहे का फर्नीचर, कपड़े, सदरी, मॉडल किचन सैट, महाराजा सोफा सहित कई उत्पाद लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना के बाबजूद कैदियों की आय में कमी नहीं होने दी।
जिला एवं मुक्त कारागार चम्बा, जिला एवं मुक्त कारागार धर्मशाला, आदर्श केंद्रीय कारागार नाहन, आदर्श केंद्रीय कारागार कंडा जेलों में रह रहे कैदियों द्वारा बनाए गए उत्पाद प्रदर्शनी में लगाए गए हैं। जेल में बन्द कैदियों का कहना है कि जब वह जेल में आए तो लगा ज़िंदगी ख़त्म हो गई लेकिन जेल में उन्हें काम मिला तो समय व्यतीत होने के साथ आमदनी होने लगी। जिससे उनके परिवार का भी गुजारा चलता है।