शिमला में नारकंडा की सेहल पंचायत में एक व्यक्ति पर मनमाने तरीके से ख़ुदाई कर मलबे से पंचायत टॉयलेट को तोड़ने और पानी के स्त्रोतों को तबाह करने का आरोप है। स्थानीय पंचायत प्रधान सुरेंद्र ने इसको लेकर एसडीएम से लेकर पुलिस तक को लिखित शिकायत की है। सुरेंद्र का कहना है कि सुनील रोहटा नामक व्यक्ति ने अपने धन बल पर अपनी ज़मीन में जेसीबी लगाकर ख़ुदाई करवाई। जिसका मलबा नाले में फैंक दिया जिससे वहां पानी के स्त्रोत बर्बाद हो गए। इतना ही नही पंचायत के टॉयलेट भी इस मलबे की चपेट में आ गए। कानूनन मलबे को इस तरह से नही फैंका जा सकता है।
नारकंडा के चौकी प्रभारी जय सिंह से इस बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि प्रधान की तरफ से ऐसी शिकायत है उसमें एफआईआर करने के बजाए टॉयलेट को बनाने का एफिडेविट ले लिया गया है। यानी की नियमों को तोड़ने वाले के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के बजाए पुलिस ने बीच का रास्ता निकालकर दोषी को बचाने का रास्ता दे दिया।
खुदाई करने वाले सुनील रोहटा भी मानते है कि उन्होंने खुदाई की है जिसका मलबा नीचे गिरा है। जो भी नुकसान हुआ है उसकी भरपाई की जाएगी जिसको लेकर पंचायत को उन्होंने एफिडेविट लिखकर दिया है। सवाल यहां ये उठ रहे हैं कि इस तरह खुदाई कर मलबा सरकारी ज़मीन में डाल देना यहां तक कि सरकारी टॉयलेट को तोड़ देना कहां तक जायज़ है। अब इस तरह का रास्ता निकालकर धनबल का सहारा लेकर कोई भी कभी भी सरकारी संपत्ति को नुकसान कैसे पहुंचा सकता है?