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प्राइवेट स्कूलों को पॉलिसी लेवल के तहत दी जाएगी मान्यता

<p>हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा भविष्य में निजी स्कूलों को पॉलिसी लेवल के तहत मान्यता दी जाएगी। उसमें स्कूलों का इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षकों की भर्ती, शिक्षकों की क्वालिटी और बहुत सारे मुद्दे हैं। स्कूलों में ग्राउंड हैं या नहीं, अन्य व्यवस्थाएं हैं या नहीं उनका अध्ययन करके ही फैसला लिया जाएगा। यह बात स्कूल शिक्षा बोर्ड के नवनियुक्त चेयरमैन डा. सुरेश कुमार सोनी ने वीरवार को कार्यभार संभालने उपरांत पत्रकारों से बातचीत में कही।</p>

<p>बोर्ड में स्टाफ की कमी का अध्ययन किया जाएगा। कर्मचारियों पर ज्यादा दबाव हो होगा तो विचार विमर्श करके भर्ती की आवश्यकता होगी तो सरकार से बात की जाएगी। नकल रोकने के लिए मुझे शिक्षकों पर विश्वास है। मैं शिक्षकों पर नकल रोकने का कार्य छोड़ता हूं, मैं शिक्षकों से नकल रोकने का आहवान करता हूं।</p>

<p><strong><span style=”color:#c0392b”>परीक्षा मूल्यांकन व पाठयक्रम पर फोकस</span></strong></p>

<p>परीक्षा, मूल्यांकन व पाठयक्रम पर फोकस रहेगा। विशेषकर पाठयक्रम में क्या सुधार किया जा सकता है। पाठयक्रम को भारतीय दृष्टिकोण से कैसे बनाया जा सकता है, इस पर फोकस किया जाएगा। परीक्षाएं आरंभ होने वाली है, बेहतर परीक्षा संचालन के लिए बोर्ड ने परीक्षाओं के लिए व्यवस्था की होगी। क्या व्यवस्थाएं की हैं और क्या गंभीरता से सोचने की बात है इस पर कार्य किया जाएगा। मूल्यांकन में शिक्षक संगठनों से बातें आई हैं, वो मेरे ध्यान में हैं। इस बारे बोर्ड अधिकारियों से चर्चा नहीं हुई है और न ही अध्ययन किया गया है, चर्चा उपरांत ही इस बारे निर्णय लिया जाएगा। स्टूडेंटस, संस्थानों बारे जो भी निर्णय होगा वो लिया जाएगा।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>पाठयक्रम में सुधार की गुंजाइश</strong></span></p>

<p>पाठयक्रम में बदलाव कोई निष्कर्ष नहीं है कि बदलाव करना है। इसमें सुधार किया जा सकता है और सुधार की गुंजाइश बहुत है। इस बारे कई शिक्षकों से बात की&nbsp; है। कई पाठयक्रम इतने हैवी हैं कि बच्चे उनका भार सहन नहीं कर पाते। ऐसे में बच्चों को प्रेक्टिल लेवल की एजुकेशन कैसे दी जाए, इसका अध्ययन किया जाएगा।</p>

<p>परीक्षा संचालन संबंधी सभी मानकों का अध्ययन किया जाएगा। सभी जिलों का दौरा करूंगा, शिक्षकों, प्रिंसिपलों व डिप्टी डायरेक्टर्स से बात की जाएगी। समन्वित प्रयास किए जाएंगे। नैतिक शिक्षा को पाठयक्रम में शामिल किया जाएगा। वर्तमान में बच्चों में कूंठा है, फ्रस्टेशन है, मोबाइल यूज बढ़ रहा है। कैसे इस लत से उन्हें हटाया जाए, इस पर कार्य किया जाएगा। इस बारे जहां तक मेरे द्वारा कार्य किया जाना होगा, मैं करूंगा और जहां सरकार को सुझाव देना पड़ेगा तो दिया जाएगा।</p>

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