राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने कालका-शिमला फोरलेन के कैथलीघाट-ढली के हिस्से का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। एनएचएआई ने कैथलीघाट से आगे शुगरल गांव से गौरो कनावन के लिए करीब 716 मीटर के टनल का कार्य शुरू कर दिया। मौजूदा समय में टनल 20 मीटर खोदी जा चुकी है। इस टनल के माध्यम से शिमला से चंडीगढ़ का सफर महज 2 घंटे में पूरा हो जाएगा।
गौरतलब है कि कैथलीघाट से ढली तक के हिस्से का निर्माण कार्य एनएचएआई करवा रहा है। इस पर 1480 करोड़ रुपये खर्चे किए जाएंगे। इसके निर्माण कार्य का लक्ष्य सितंबर 2020 रखा है। इसकी कुल लंबाई 27 किलोमीटर होगी। फोरलेन बनने के बाद शिमला से चंडीगढ़ पहुंचने में महज दो घंटे लगेंगे। अभी चार घंटे से अधिक का समय चंडीगढ़ पहुंचने में लग जाता है।
फोरलेन की खासियतें
– टनल में 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगे वाहन, 75-75 मीटर के बाद बनेंगे सुरक्षा प्वाइंट
– साढ़े तीन मीटर ऊंचे और दो मीटर चौड़े सुरक्षा प्वाइंट होंगे, आपातकालीन स्थिति में 15 लोग रुक सकेंगे
– टनल के अंदर होंगे अग्निशमन संयंत्र, आपातकालीन में मिलेगी टेलीफोन की सुविधा
– फुटपाथ दोनों तरफ से हाईवे से डेढ़ मीटर होगा। दोनों तरफ से लगेंगी रेलिंग
– टनल के अंदर लगेंगी भव्य लाइटें, वैंटिलेशन फैन के अलावा दोनों तरफ से बनेगी ट्रेनिज
शिमला के 25 गांवों से होकर गुजरेगा फोरलेन
कैथलीघाट से करीब साढ़े 27 किलोमीटर लंबे फोरलेन में शहर के करीब 25 गांवों से गुजरता होकर ढली जंक्शन तक पहुंचेगा। इसी बीच यहां से गुजरने वाले हाइवे पर 8 बड़े पुल और 4 छोटे पुल बनेंगे। इसके अलावा 1 केबल स्टे ब्रिज भी बनेगा।
यह पुल पूरी तरह तारों पर टिका होगा। इसमें अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा। इसी बीच हाइवे विभिन्न स्थानों से गुजरता हुआ 3 टनलों के माध्यम से ढली जंक्शन तक पहुंचेगा।