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प्रदेश के अनछुए पर्यटन स्थलों में सुविधाएं विकसित कर पर्यटन को दिया जाएगा बढ़ावा: CM

पी. चंद |

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार अनछुए पर्यटन स्थलों में मूलभूत अधोसंरचना सुविधाएं विकसित करके प्रदेश में पर्यटन को व्यापक बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। प्रदेश सरकार प्रत्येक पर्यटन परियोजना को चरणबद्ध तरीके से लागू करेगी और सभी आयु वर्ग के पर्यटकों को सुविधाएं उपलब्ध करवाकर इस प्रदेश को सभी का पसंदीदा पर्यटन गंतव्य बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री आज सीएसआरडी फाऊंडेशन द्वारा राज्य में पर्यटन अधोसंरचना के विकास पर दी गई प्रस्तुति के दौरान बोल रहे थे। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार चांशल को स्कीइंग, बीड़-बिलिंग को पैराग्लाईडिंग, पौंग बांध को जल क्रीड़ा और जंजैहली को इको-पर्यटन की दृष्टि से प्राथमिकता के आधार पर विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने जिला मंडी के रिवालसर जहां हिन्दू, बौद्ध और सिख श्रद्धालु मुख्यतः आते हैं, को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य में बौद्ध सर्किट विकसित करने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मंडी में पर्यटकों के लिए अतिरिक्त आकर्षण के रूप में शिव धाम को विकसित करने की योजना बनाई है।  पर्यटकों की सुविधा के लिए पार्किंग, रेस्टोरैंट और अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। शिव धाम जिसका निर्माण मण्डी नगर के समीप कंगनीधार में प्रस्तावित है, को केबल कार रज्जू मार्ग सुविधा से जोड़ा जाएगा, जिसका उपयोग स्थानीय लोग भी परिवहन के लिए कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त, ब्यास नदी के तटों को विकसित किया जाएगा तथा कृत्रिम झील विकसित करने के भी प्रयास किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कंगनीधार को टारना मन्दिर से जोड़ने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मंडी शहर को विकसित करने की परियोजना को एशियन विकास बैंक (एडीबी) द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा, जबकि पहले चरण में जब तक सरकार एडीबी द्वारा दिए जाने वाली धन रिश को प्राप्त नहीं कर लेती, तब तक परियोजना का कार्य राज्य निधि से किया जाएगा। सीएसआरडी फाऊंडेशन के निदेशक हितेश त्रिवेदी, ओजस हिरानी और भरत पटेल तथा पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।