हाईकोर्ट के आदेशों के बाद शिमला में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे छुड़ाने का अभियान तेज कर दिया है। कोर्ट के आदेशों के बाद गठित एसआईटी हर दिन अवैध सेब के पेड़ों को काट रही है। बागवानें के समर्थन में वामपंथी किसान सभा आ खड़ी हुई है। पेड़ कटान के विरोध में किसान सभा ने शिमला में धरना दिया और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
किसान सभा ने सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया की हिमाचल के गरीब बागवानों को कोर्ट के आदेशों की आड़ में भूमिहीन किया जा रहा है। एसआईटी कोर्ट के आदेशों के अनुसार कार्य नहीं कर रही है। कई किसानों की मलकीयत भूमि से भी पेड़ काटे जा रहे है। जिसको किसान सभा बर्दाशत नहीं करेगी सरकार किसानों को दस बीघा जमीन मुहैया करवाए अन्यथा किसान सभा किसानों को लामबंद कर निर्णायक लडाई लड़ेगी।
उधर, एसआईटी की कार्यवाही से परेशान बागवानों का कहना है की अब वह भूमिहीन होकर सड़क पर आ गए हैं। उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। जुब्बल के एक गांव के बागवान का कहना है की अब उनके पास जरा भी जमीन नहीं बची है सारी भूमि से 250 से ज्यादा सेब के पेड़ काट दिए गए है. जबकि कोर्ट ने ये आदेश दिए है की पांच बीघा भूमि को छोड़कर बाकि अवैध कब्जों से पेड़ काटे जाए।