जिला कुल्लू में पार्वती परियोजना प्रभावित लारजी के ग्रांमीणों ने रोजगार की मांग को लेकर अपने आंदोलन को उग्र करने की तैयारी कर ली है। बीते कल प्रभावित ग्रांमीणों ने परियोजना परिसर के बाहर एनएचपीसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रभावितों की रोजगार को लेकर चली भूख हड़ताल 26 वें दिन भी जारी रही। प्रशासन औऱ परियोजना प्रबंधन की ओर से कोई वार्ता का प्रस्ताव अभी तक उनके पास नहीं आया है। जिसके चलते प्रभावितों का गुस्सा सरकार औऱ परियोजना प्रबंधन के विरूध भड़क उठा है।
प्रभावितों के सोमवार को हुए विरोध प्रदर्शन में संयुक्त संघर्ष समिति औऱ भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस संगठन के कार्यकर्ताओं ने भी प्रभावितों के प्रदर्शन में शामिल होकर उनका समर्थन किया। सैंकड़ो लोगों ने परियोजना परिसर के बाहर इकटठा होकर एनएचपीसी के खिलाफ नारेबाजी कर हल्ला बोला। प्रदर्शन के उपरान्त यहां आयोजित जनसभा में परियोजना प्रबंधन को खूव खरी खोटी सुनाई गई। संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि परियोजना प्रबंधन प्रभावितों की ईमानदारी व धैर्य को उनकी कमजोरी समझने की भूल न करें जिन स्थानीय लोगों के सहयोग से परियोजना यहां स्थापित की गई है।
आज उन्हे इस परियोजना में अस्थाई रोजगार के लिए भूखे रहकर मांग करनी पड़ रही हैं। अभी यह आंदोलन सीमित है अगर जल्द इसका हल नहीं निकाला गया तो आंदोलन विकराल रूप धारण कर सकता है। एनएचपीसी को उसकी जिमेदारी लेने को भी तैयार रहना होगा। युवा इंटक के जिला अध्यक्ष यशपाल मिया ने कहा कि संगठन प्रभावितों के आंदोलन में कुदने के लिए तैयार खड़ा हैं। किसान सभा के बंजार के अध्यक्ष शेर नेगी के अलावा पूर्व उपप्रधान हेमराज शर्मा ने भी परियोजना प्रबंधन के विरूध अपने शब्द बाण छोड़े।
लारजी पंचायत की प्रधान कांता देवी तथा पूर्व पंचायत समिति सदस्य झावे राम का कहना है कि भूख हड़ताल पर बैठे प्रभावितों का संयम धीरे धीरे खत्म होता जा रहा हैं। जल्द ही पार्वती परियोजना का कार्य बंद करने का फैसला लिया जाने बाला हैं। उन्होने बताया कि आंदोलन की आगामी रणनीति तैयार हो चुकी हैं तथा एक -दो दिनों में उनकी मांग पर गौर नही हुआ तो प्रभावित लोग जेल भरों आंदोलन की तर्ज पर इसे आगे बढ़ाने को तैयार है।