अनुबंध से नियमित हुए राज्य सरकार के हजारों कर्मचारी विधानसभा में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से रखे गए एक जवाब से भड़क गए हैं। बुधवार को मानसून सत्र के दौरान रेणुका से कांग्रेस विधायक विनय कुमार ने सवाल किया था कि क्या सरकार अनुबंध कर्मियों को नियुक्ति की तारीख से वरिष्ठता देने का विचार रखती है? लिखित जवाब में मुख्यमंत्री की ओर से सदन में बताया गया कि सरकारी सेवा में कार्यरत सभी कर्मचारियों को वरिष्ठता उनकी नियमितिकरण की तारीख से देने का प्रावधान है। नियमित नियुक्ति के विपरीत अनुबंध आधार पर नियुक्त कर्मचारियों पर विभिन्न सेवा नियम लागू नहीं होते और इनका कांट्रेक्ट भी हर साल बदलता रहता है। अनुबंध शर्तों के अनुसार ये अस्थाई व्यवस्था है इसलिए अनुबंध पर दी गई सेवा को वरिष्ठता लाभ के लिए जोडना प्रशासनिक तर्कसंगत नहीं है।
इस जवाब को ई-विधान पर ऑनलाइन देखने के बाद कर्मचारियों में जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई है। हिमाचल अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन ने कहा है कि सरकार बाहर कुछ और, जबकि सदन में कुछ और बोल रही है। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने 20 फरवरी 2019 को शिक्षक महासंघ के राज्य स्तरीय अधिवेशन और अन्य सार्वजनिक मंचों पर कर्मचारियों की इस मांग को जायज माना है। संगठन के पदाधिकारी जब-जब मुख्यमंत्री, मंत्रियों या विधायकों से मिलते हैं तो उनकी इस मांग पर विचार करने की बात कही जाती है, लेकिन अंदर कुछ और ही चल रहा है।
कम होते-होते कम हुआ अनुबंध का समय
संगठन का कहना है कि कुछ अनुबंध कर्मचारी पहले 8 साल के बाद नियमित हुए फिर कुछ 6 साल के बाद, कुछ 5 साल के बाद और वर्तमान में 3 साल के बाद नियमित हो रहे हैं। आने वाले समय में लगता है कि अनुबंध का समय 2 साल और कुछ सालों के बाद खत्म ही हो जाएगा। यह 8 साल, 6 साल, 5 साल और 3 साल के बाद नियमित होने वाले कर्मचारियों के मौलिक और समानता के अधिकार का हनन है। सरकार हर महीने शिकायतों को दूर करने के लिए जनमंच कर रही है, लेकिन इस शिकायत का किसी मंच पर हल नहीं हो रहा।
पंचायती राज में कैसे दे दी कांट्रैक्ट की सीनियोरिटी?
पदाधिकारियों ने पूछा कि जब पंचायती राज विभाग में जिला परिषद कैडर में कनिष्ठ अभियंता को अनुबंध काल की नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता दी जा सकती है, तो अन्य विभागों में कमीशन और बैचवाइज के माध्यम से नियुक्त अनुबंध और अनुबंध से नियमित कर्मचारियों को अनुबंध काल की नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता क्यों नहीं दी जा सकती? यह अन्य विभागों के अनुबंध से नियमित कर्मचारियों के साथ अन्याय है, जिसे किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।