हिमाचल प्रदेश अनुबंध शिक्षक संघ (PTA) ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नियमितीकरण की मांग को लेकर आगामी 15 जनवरी को सचिवालय के बाहर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। अनुबंध शिक्षक संघ (PTA) के प्रदेश अध्यक्ष बबिल ठाकुर ने सरकार से कहा है कि 3 साल का अनुबंध कार्यकाल पूरा होने पर भी प्रदेश सरकार अध्यापकों को नियमित नहीं कर रही है। प्रदेश सरकार अध्यापकों को रेगुलर न करने के पीछे पीटीए का केस कोर्ट में पेंडिंग होने का हवाला दे रही है जबकि संघ ने सरकार से कई बार तथ्यों के साथ क्षेत्र इस विषय पर सच्चाई सामने रखी है।
प्रदेश हाईकोर्ट ने 9 दिसंबर 2014 को पीटीए के पक्ष में फैसला देते हुए नियमित करने को कहा था लेकिन सरकार ने नियमित करने के बजाय कॉन्ट्रैक्ट में नियुक्त दी। जिसके खिलाफ संघ ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की जहां से हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा गया। लेकिन सरकार ने फिर भी लगभग 5 हजार अध्यापकों को कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्ति दी है। सरकार पीटीए अध्यापकों के लिए अलग कॉन्ट्रैक्ट पालिसी का नाम दे रही है जबकि ऐसी कोई भी पालिसी नहीं है। 12 से 14 साल से सेवाएं देने के बावजूद भी पीटी अध्यापकों का भविष्य अधर में लटका हुआ है । संघ ने जयराम सरकार से अध्यापकों की मांगों पर जल्द गौर करने की मांग की है।
हिमाचल शिक्षक संघ के अध्यक्ष बबिल ठाकुर ने कहा है कि हाई कोर्ट ने भी पीटीए अध्यापकों की नियुक्ति को बैकडोर नहीं कहा है और न ही सुप्रीम ने भर्तियों को गलत नहीं माना है। प्रदेश सरकार का भर्तियों को बैकडोर कहना पूरी तरह से गलत है। प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम को भी गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। राजनीतिक द्वेष से न सोचते हुए पीटीए अध्यापकों को नियमित करने का फैसला लेकर शिक्षकों को राहत देने काम करे।