समाधिलीन 1008 मंहत शिव गिरि महाराज की 16वीं बरसी के उपलक्ष्य में पंजाबी गायक लखबीर सिंह लक्खा के भजनों से गुंजायमान होती रही बाबा की पावन स्थली। 1008 गुरू राजेन्द्र गिरि महाराज, प्रमुख गद्दी सिद्ध बाबा बालकनाथ गुफा दियोटसिद्ध द्वारा समाधिलीन 1008 मंहत शिव गिरि महाराज की 16वीं बरसी के उपलक्ष्य में आज उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्धपीठ बाबा बालकनाथ दियोटसिद्ध में सिद्ध बाबा बालकनाथ की विशाल चौंकी और अखंड भंडारा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर ग्रामीण विकास पंचायती राज, पशु पालन एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर विशेष रूप से उपस्थित रहे।
इस अवसर पर पंजाबी गायक लखबीर सिंह लक्खा ने बाबा की महिमा का गुणगान किया। उन्होंने, बाबा बालक नाथ हम हैं तेरे पुजारी- तेरे पुजारी बाबा तेरे दर के भिखारी ,जोगी दी गुफा कमाल-कमाल, तेरी गुफा दे मेले लगदे नैं, तूने दर ते बुलाया जोगिया मैं चढ़ाईंयां चढ़ के आ गया और ओ तेरियां धूमां दर-दर पैईंयां नैं , इत्थे संगता मुरादां लेके गईयां नैं, बाबा बालकनाथ प्यारिया साडे ते हुंण कर किरपा जैसे भजन प्रस्तुत कर उपस्थित संगत को निहाल किया। बाबा के भक्तों ने लक्खा जी के साथ भजन गुनगुनाए तथा बाबा के जय-जय कारों से पंडाल गूंजायमान रहा। इस दौरान हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध लोक गायक धीरज शर्मा ने भी, जे मनमोहनिया बालक नाथा जे तू कदे बुलामीं नां, डेरा शाह तलाईयां बाबा जे तू कदे बुलामी नां भजन प्रस्तुत कर बाबा जी की महिमा का गुणगान किया।
मीडिया के साथ बातचीत के दौरान ग्रामीण विकास पंचायती राज, पशु पालन एवं मत्स्य पालन मंत्री मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है औऱ ग्रामीण विकास को लेकर विभिन्न विकासात्मक कार्यों पर करोड़ों रूपए व्यय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1977 में जब भाजपा सरकार सत्ता में आई थी , उस समय भी प्रदेश में गरीबों के कल्याणार्थ अंत्योदय योजना और पेयजल योजना की शुरूआत की गई थी। इसी प्रकार वर्ष 1998 में जब प्रो0 प्रेम कुमार धूमल हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे, उस समय भी ग्रामीण विकास को लेकर पेयजल तथा सडक़ों के नेटवर्क को सुदृढ़ कर विकास के नए-नए आयाम स्थापित किए गए थे।
उन्होंने कहा कि सभी ग्राम पंचायतें ग्रामीण विकास को लेकर 14वें वित्तायोग के अंतर्गत मनरेगा और अन्य मद्दों में स्वीकृत धन राशि को शीघ्र व्यय करना सुनिश्चित करें। प्रत्येक पंचायत में चल रहे विकासात्मक कार्यों का भौतिक रूप से सत्यापन किया जाए। उन्होंने कहा कि जो ग्राम पंचायतें ग्रामीण विकास को लेकर 14वें वित्तायोग तथा मनरेगा के तहत स्वीकृत राशि को व्यय करने में पीछे रहेंगी , उन पंचायतों के प्रधान, उप प्रधान और वार्ड पंचों के आगामी पंचायती राज चुनावों में चुनाव लडऩे पर प्रदेश सरकार गंभीरता से विचार करने को मजबूर हो सकती है।