हमीरपुर शहर को सुंदर बनाने के नाम पर अग्निशमन विभाग के तीन फ़ायर हाईड्रेंट टायरिंग की मोटी परत में दबा दिए गये। क़रीब डेढ़ माह के बाद विभागों को याद आया कि शहर की हज़ारों जिंदगियां ख़तरे में हैं। हमीरपुर बाज़ार में कई साल बाद हुई टायरिंग में अधिकारियों की निगरानी में तीन हाईड्रेंट सड़क में दबा दिए गये । यह हाईड्रेंट शहर की घनी आबादी वाले क्षेत्र ब्वायज स्कूल, तहसील परिसर और मेडिकल कॉलेज के पास सड़क पर बनाए गये हैं। अब डेढ़ माह बाद इन्हें बेढंगे तरीक़े से टायरिंग की मोटी परत से बाहर निकाला जा रहा है ।
इससे पैदल चलने वाले लोग गड्डों में गिर रहे हैं वहीं व्यापारी भी परेशान हैं। विभागीय स्तर पर हुई इस लापरवाही का ख़ामियाज़ा अब एक बार फिर लोगों को ही भुगतना पड़ रहा है । क़ाबिले ज़िक्र है कि टायरिंग के समय लोक निर्माण विभाग के तकनीकी विभाग के अधिकारी क्या ज़िम्मेवारी निभा रहे थे । उनकी कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है।
शहर के विकास में रोज चार चांद लगाए जाने के अधिकारी दावे करते हैं लेकिन शहर में यदि कहीं आग लग जाए तो उसे बुझाने के लिए हाईड्रेंट की व्यवस्था भी क़रीब डेढ़ माह तक टायरिंग में दबी रही। शहर की संकरी गलियों में आग बुझाने के लिए तो अग्निशमन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के कई बार पसीने छूट जाते हैं।
क्या कहते हैं अग्निशमन अधिकारी
अग्निशमन अधिकारी रजिंदर चौधरी का कहना है कि आग लगने पर उनके टैंक में पर्याप्त पानी होता है लेकिन, पानी ज्यादा खपत होने पर फिर दिक्कत आती है। हाईड्रेंट्स के बारे में उन्होंने कहा कि टायरिंग में तीन हाईड्रेंट्स दब गये थे जिन्हें आईपीएच और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की निगरानी में निकाला जा चुका है। उन्होंने कहा कि हाईड्रेंट्स के लेवल को सड़क से ऊपर उठाने के प्रयास विभागों के सहयोग से किया जाएगा ताकि आम लोगों को इनसे असुविधा न हो ।