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ई-गवर्नेंस पायलट प्रोजेक्ट की गुणवत्ता से कोई समझौता किया जाएगा: राज्यपाल

<p>राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा लागू किए गए ई-गवर्नेंस पायलट प्रोजेक्ट को और अधिक प्रभावी बनाने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इसे हिमाचल के बाद देश के अन्य 28 लोक सेवा आयोगों में भी लागू किया जाएगा। राज्यपाल ने आज राज्य लोक सेवा आयोग के दौरे के दौरान आयोग के अध्यक्ष, सदस्यों और आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा कि ई-गवर्नेंस पायलट प्रोजेक्ट भारत सरकार के इलैक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मन्त्रालय ने वर्ष 2017 में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग को मंजूर किया था। विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित इस प्रोजेक्ट को आयोग ने तीन वर्षों में पूरा करना है। यह हिमाचल प्रदेश के लिए गौरव का विषय है कि राज्य को यह प्रोजेक्ट मिला।</p>

<p>उन्होंने कहा कि आयोग को इस प्रोजेक्ट को अधिक कारगर बनाने के लिए दूसरे राज्यों से भी परामर्श लिया जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के लागू होने से आयोग के सभी कार्य ऑनलाईन होंगे। राज्यपाल ने आयोग द्वारा अपनाई गई आधुनिक भर्ती प्रक्रिया और पारदर्शिता के लिए आयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि मोबाईल आधारित आवेदन, शिकायत निवारण आवेदक चर्चा कक्ष, मई 2018 से लागू किए गए कम्प्यूटर आधारित परीक्षा, आयोग के परिसर में सर्वर आधारित निजता और मई 2018 से शुरू किए गए &lsquo;माई एक्जामिनेशन, माई ऑनलाईन रिव्यू&rsquo; विशेष रूप से बेहतर निर्णय हैं। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा अप्रैल, 2018 में &lsquo;वन टाईम रजिस्ट्रेशन&rsquo; लागू करना एक अच्छा कदम है, जिससे अभ्यर्थियों को अच्छी सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने अन्य राज्यों के आयोगों की बेहतर पद्धतियों का तुलनात्मक अध्ययन करने का सुझाव दिया, ताकि इन्हें हिमाचल प्रदेश में भी लागू किया जा सके।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>राज्यपाल ने आयोग की वर्ष 2018-19 की वार्षिक रिपोर्ट जारी की।</strong></span></p>

<p>लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल डीवीएस राणा ने राज्यपाल को आयोग की कार्यप्रणाली के बारे में अवगत करवाया और आयोग की विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान आयोग ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिससे न केवल आयोग की कार्यप्रणाली सुदृढ़ होगी, बल्कि अभ्यर्थी भी लाभान्वित होंगे। आयोग की वन टाईम रजिस्ट्रेशन के अंतर्गत अब तक नौ लाख अभ्यर्थी पंजीकृत किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त, पात्र उम्मीदवारों को उनके मोबाईल पर संदेश भेजा जा रहा है। इससे पूर्व, आयोग के कार्यालय में पहुंचने पर सदस्य मीरा वालिया, सचिव राखिल काहलों, संयुक्त सचिव एकता काप्टा और अन्य अधिकारियों ने राज्यपाल का स्वागत किया।</p>

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