हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा शास्त्री पद के लिए R&P रूल में बदलाव किया गया है। जिसके खिलाफ बेरोजगार शास्त्रियों ने शिमला में संस्कृत एवं संस्कृति संरक्षण संघ की बैनर तले सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संघ ने सरकार पर संस्कृत को बढ़ावा देने की बजाय इसको खत्म करने के आरोप लगाए हैं और कहा है कि अगर सरकार ने इस फैंसले को वापिस नही लिया तो संघ इसके खिलाफ़ बड़ा आंदोलन करेगा।
संस्कृत एवं संस्कृति संरक्षण संघ कांगडा के अध्यक्ष आचार्य संजीव शर्मा ने कहा कि सरकार ने शास्त्री पदों के लिए एनसीटीई का हवाला देकर आर एंड पी रूल बदल दिए हैं जिससे शास्त्रियों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। सरकार ने शास्त्री पदों के लिए बीए के साथ संस्कृत और बीएड को मान्यता दे दी है और शास्त्रियों को बीएड करने को कहा जा रहा है। जबकि 4 से 5 हजार शास्त्री प्रदेश में बेरोजगार हैं। सरकार ने अगर इस फैसले को वापस नहीं लिया तो आगामी लोकसभा चुनाव में नेता ग्रेजुएशन की डिग्री लेकर ही उनके घर वोट मांगने आए अन्यथा उनका विरोध किया जाएगा।