प्रदेश के सरकारी मेडिकल कालेज आईजीएमसी और टांडा में तीन साल लगा कर बीएससी रेडियों डाइग्नोसिस रेडियो थैरपी डिग्री लेने पर भी हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग ने नौकरी के लिए अभ्यर्थियों को अयोग्य करार दिया है।अभी हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने अनुबंध आधार पर रेडियोग्राफर के 115 पदों को भरने के लिए टेस्ट निकाला था, लेकिन इस पोस्ट को फाइनल चयन प्रक्रिया के बाद सिर्फ दो उम्मीदवार ही पास कर पाए हैं। जबकि अन्य सैंकड़ों उम्मीदवारों को आयोग ने अयोग्य करार दे दिया है। जबकि देश के अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में अभ्यर्थियों को नौकरी मिल रही है लेकिन हिमाचल के संस्थान में डिग्री हासिल करने के वालों को नौकरी नहीं दे रहे हैं।
सरकार ने आरएमपी रुल में संशोधन कर आईजीएमसी और टांडा से डिग्री लेने वाले छात्रों को रेडियोग्राफर की नौकरी से बाहर कर दिया है। अभ्यर्थियों ने स्वास्थ्य मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक से गुहार लगा चुके हैं लेकिन, कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई और अब ये हाईकोर्ट में याचिका दायर करेगे।
अभ्यर्थियों का कहना है की सरकार के अपने संस्थानों में तीन साल की डिग्री हासिल करने के बाद भी वे नौकरी के लिए योग्य नहीं है और जब नौकरी ही नहीं दे सकते हैं तो सरकार क्यों छात्रों को तीन साल का कोर्स करवा कर उन्हें गुमराह कर रही है। सरकार ने आरएमपी रूल बदल कर सैंकड़ो छात्रों को दर-दर भटकने के लिए छोड़ दिया है। उनका कहना है की देश के अन्य स्वस्थ्य संस्थानों में सभी अभ्यर्थियों रेडियोग्राफर के पद के लिए योग्य मeन जाता है लेकिन अपने ही प्रदेश के संस्थानों में नौकरी से उन्हें बाहर किया जा रहा है। इसको लेकर कई बार अधिकारियों सहित मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं लेकिन, कहीं भी सुनवाई नहीं हुई और अब वे कोर्ट में इसको लेकर याचिका दायर करेंगे।