कुल्लू के रघुनाथ मंदिर के अधिग्रहण का मामले पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद मंदिर को ट्रस्ट ने अपने हाथ में ले लिया है। मंदिर ट्रस्ट ने फैसले के बाद आज शनिवार को पहली बार मंदिर परिसर में दशहरे के आयोजन पर मीटिंग की। कुल्लू के एसडीएम रोहित ठाकुर मंदिर के अधिग्रहण के लिए गए हैं। मंदिर के अधिग्रहण को देखते हुए पुलिस ने कड़े इंतजाम किए हैं। प्रदेश सरकार ने 25 जुलाई, 2016 को फैसला लिया था कि कुल्लू के रघुनाथ मंदिर को ट्रस्ट के अधीन लाया जाए यानि मंदिर का सरकारीकरण किया जाए।
सरकार के इस फैसले को लेकर भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार और बीजेपी नेता महेश्वर सिंह ने प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी और अधिग्रहण को लेकर हाईकोर्ट से स्टे लेकर आए थे। लेकिन, हाईकोर्ट ने दो दिन पहले 31 अगस्त को यह याचिका रद्द कर दी थी। कोर्ट ने एक अन्य मामले का हवाला देते हुए कहा है कि ऐसे मामले में सिविल सूट दायर करने का प्रावधान है। इसके चलते उनकी इस याचिका को खारिज कर दिया है।
हाईकोर्ट के इस फैसले से महेश्वर सिंह को झटका लगा है। शायद इसीलिए उन्होंने ट्रस्ट की मीटिंग में भी हिस्सा नहीं लिया। हालांकि, इस बारे में महेश्वर सिंह की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। उधर, रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह का कहना है कि उनके पास याचिका खारिज होने को लेकर अभी किसी तरह के दस्तावेज नहीं पहुंचे हैं और ट्रस्ट की बैठक को लेकर भी कोई जानकारी नहीं है। जब याचिका खारिज होने को लेकर दस्तावेज मिलेंगे उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।