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राहुल बोले-‘कांग्रेस वाली सीटों से वोट डिलीट किए गए’कर्नाटक में जिनके नाम काटे, उन्हें स्टेज पर बुलाया; महाराष्ट्र, हरियाणा, यूपी में यही हो रहा

राहुल गांधी ने वोट चोरी पर दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस की
ECI और BJP पर मिलीभगत से वोट डिलीट करने का आरोप
हाइड्रोजन बम जैसे धमाकेदार सबूत लाने का दावा


कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर देश की चुनावी व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। वीरवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए राहुल ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र हाईजैक हो चुका है और यह सब चुनाव आयोग (ECI) की मिलीभगत से हो रहा है।

राहुल गांधी ने इस बार प्रेजेंटेशन के जरिए अपने आरोपों को विस्तार से पेश किया और यहां तक कि उन वोटर्स को मंच पर बुलाया, जिनके नाम वोटर लिस्ट से डिलीट कर दिए गए थे। उनका दावा है कि यह काम बीजेपी की योजना और चुनाव आयोग की मिलीभगत से किया जा रहा है।

राहुल ने कहा कि पहले उन्होंने वोटर लिस्ट में फर्जी एडिशन का सबूत दिया था और अब वह डिलीशन का सबूत पेश कर रहे हैं। उनके मुताबिक कर्नाटक, महाराष्ट्र, हरियाणा और बिहार में एक सिस्टमेटिक पैटर्न के तहत लाखों वोटर्स को सूची से हटाया गया। कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में 6,018 वोट डिलीट करने की कोशिश का उदाहरण उन्होंने पेश किया।

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि यह काम कॉल सेंटर और टेक्नोलॉजी के जरिए किया जा रहा है, और दलित व ओबीसी समुदाय को विशेष रूप से निशाना बनाया गया। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि यदि एक हफ्ते के भीतर जवाब नहीं मिला तो यह साफ हो जाएगा कि चुनाव आयोग संविधान की हत्या में शामिल है।

उन्होंने कहा कि उनके पास मौजूद सबूत किसी हाइड्रोजन बम से कम नहीं हैं और जब वह सामने आएंगे तो पूरा देश देखेगा कि किस तरह लोकतंत्र को चुराया गया। राहुल ने खुद को संविधान और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का “रक्षक” बताया और कहा कि उनका काम सिर्फ सच्चाई देश के सामने रखना है।

राहुल की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस ठीक उसी समय हो रही थी जब कांग्रेस पार्टी ने X पर उनका वीडियो शेयर करते हुए लिखा – “कुर्सी की पेटी बांध लीजिए…”। इससे साफ है कि पार्टी इसे बड़े खुलासे के तौर पर पेश कर रही है।

गौरतलब है कि राहुल इससे पहले 7 अगस्त को इसी मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुके थे और उस समय भी उन्होंने कर्नाटक की महादेवपुरा सीट का हवाला देते हुए लाखों वोट चोरी का आरोप लगाया था। इसके अलावा उन्होंने महाराष्ट्र और हरियाणा में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का दावा किया था।

अब सवाल यह है कि क्या राहुल गांधी के ये आरोप केवल राजनीतिक बयानबाजी हैं या वाकई इनके पीछे ठोस सबूत हैं। फिलहाल, चुनाव आयोग ने अपने स्तर पर देशभर में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की घोषणा की है और दावा किया है कि पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।