राजीव गांधी पंचायती राज संगठन हिमाचल प्रदेश द्वारा किसानोंव बागवानों के संघर्ष के समर्थन में शिमला से शुरू की गई पदयात्रा शुक्रवार रात को मंडी पहुंची और शनिवार को सुबह धर्मशाला के लिए रवाना हो गई। यह यात्रा दीपक राठौर की अगुवाई में चल रही है जिसमें हर जिला से गुजरते हुए स्थानीय कार्यकर्ता भी जुड़ रहे हैं। दीपक राठौर जो लंबे अरसे से राजीव गांधी पंचायती राज संगठन से जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि किसानों औऱ बागवानों को बचाना है पंचायती राज को मजबूत बनाना है के नारे के साथ यह पदयात्रा कांग्रेस के स्थापना दिवस पर 28 दिसंबर को शिमला से शुरू की गई थी। यह पदयात्रा 8 जनवरी को धर्मशाला पहुंचेगी।
उनका आह्वान है कि पदयात्रा में शामिल होकर किसानों व बागवानों के खिलाफ रची जा रही कथित साजिश के चलते तीनों कृषि कानूनों का विरोध किया जाए। राजीव गांधी पंचायती राज संगठन ने इस पदयात्रा के दौरान केंद्र सरकार से तीन सवाल उठाए हैं। इसमें सरकार से पूछा गया है कि वह किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य क्यों नहीं देना चाहती है। कांटेक्स फार्मिंग में किसानों को न्यायालय में जाने का अधिकार क्यों नहीं है और आवश्यक वस्तु अधिनियम क्यों खत्म किया जा रहा है।
उनका कहना है कि हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाएं बहुत कमजोर हैं क्योंकि यहां संविधान के 73 वें और 74 वें संशोधन को पूर्ण रूप से लागू नहीं किया गया है। वित कार्यक्रम और कर्मचारी की व्यवस्था पंचायतों के पास नहीं है। जिला परिषद और पंचायत समितियों के पास किसी प्रकार की ताकतें नहीं हैं। संगठन ने प्रदेश की जनता से भी सवाल किया है केरल में संविधान का 73 वां और 74 वां संशोधन पूर्ण रूप से लागू है तो हिमाचल में क्यों नहीं होना चाहिए।