हिमाचल नवनियुक्त कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला पहली बार शिमला दो दिन के दौरे पर पहुंचे। इस दौरान शुक्ला ने पार्टी के युवा से लेकर बुजुर्ग नेता तक से भेंट की। शुक्ला कांग्रेस विधायकों से मिले, पदाधिकारियों से मिले, युवाओं से मिले वहीं वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मिलना भी नहीं भूले। शुक्ला पहले कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री विद्या स्टोक्स से उनके निवास स्थान पर मिलने पहुंचे। उसके बाद वीरभद्र सिंह के निज़ी निवास पर उनसे मिलने पहुंचे और उनके साथ ब्रेकफ़ास्ट भी किया।
इस दौरान कई कांग्रेस नेता शुक्ला से मिलने पहुंचे जो लंबे समय से पार्टी से दूरी बनाएं हुए थे। ख़बर तो यहां तक है कि कई नेताओं ने शुक्ला से मिलकर एक दूसरे गुट की शिकायतें भी की है। लेकिन शुक्ला पत्रकार के साथ राजनीति में मंजे हुए खिलाड़ी है। इसलिए चमचागिरी शायद उनके सामने न चले। यही वजह है कि उन्होंने कार्यक्षमता का पैमाना सेट कर आने वाले वक्त में कांग्रे पार्टी में बदलाब के संकेत भी दिए है।
कई गुटों में बंटी कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है। कांग्रेस की इतनी मज़बूत नहीं है। क्योंकि कांग्रेस के नेता इतने खेमों में बंटे है कि कोई नेता ये नहीं कह सकता कि उनके पास बड़ा आधार है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये भी है कि प्रदेश में वीरभद्र सिंह के कद के आगे सभी नेता बोने लगते है। भाजपा में युवा चेहरों की कमी नहीं है। युवा मुख्यमंत्री जयराम के अलावा भी नेताओं की भाजपा में कमी नही हैं। तो क्या अभी भी कांग्रेस 2022 चुनाव वीरभद्र सिंह के कंधे पर बंदूक रखकर लड़ना चाह रही है।