कृषि, जनजातीय विकास और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमेटिड को जनजातीय उप योजना के तहत नियमित रूप से धन उपलब्ध करवाया जा रहा है ताकि जनजातीय क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। यह बात उन्होंने आज यहां सचिवालय में जनजातीय क्षेत्रों में सड़क सुविधा और विद्युत आपूर्ति को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने विद्युत बोर्ड के अधिकारियों को शरद ऋतु के दौरान जनजातीय क्षेत्रों में सुचारू रूप से विद्युत की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने रोंगटोंग पॉवर हाउस के स्वामित्व से सम्बन्धित मुद्दे को सुलझाने के लिए एचपीएसइबी के अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वामित्व के मुद्दे को एचपीएसइबी के जनरेशन व ऑपे्रशन विंग और निदेशक तकनीकी के साथ सुलझाया जाए। एचपीएसइबी के अधिकारियों ने कहा कि इस मुद्दे को प्रबन्ध निदेशक के साथ चर्चा के बाद प्राथमिकता के आधार पर सुलझा लिया जाएगा। रोंगटोंग पॉवर हाउस के इनटेक में नुकसान के मुद्दे को मार्च, 2020 तक सुलझाने के लिए एचपीएसइबी के निदेशक तकनीकी और चीफ इंजिनियर (जनरल) सुन्दरनगर को भी निर्देश जारी किए गए। कृषि मंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को शरद ऋतु के दौरान सड़कों को खुला रखने के लिए हर सम्भव प्रयास करने के निर्देश दिए।
बैठक में 106.33 किलोमीटर लम्बी अटारगु-सगनाम-मुध-भावा सड़क और लियो बाई पास सड़क और पुल के निर्माण के बारे में भी विस्तृत चर्चा की गई तथा इनके शीघ्र निर्माण के लिए निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि इस सड़क के निर्माण से शिमला-काजा के माध्य दूरी 105 किलोमीटर कम हो जाएगी और किन्नौर तथा स्पिति घाटी के लोगों को हर मौसम के दौरान सड़क सुविधा उपलब्ध होगी। इसके साथ-साथ स्पिति लियो बाईपास के माध्यम से स्पिति के लिए दूरी 15 किलोमीटर कम हो जाएगी और मलिंग नाला के उस क्षेत्र से भी नही गुजरना पड़ेगा जहां लगातार भूस्खलन होता है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने कहा कि चांगों पुल जून, 2020 तक तैयार कर दिया जाएगा।