हिमाचल प्रदेश एवं भारत सरकार के सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रमजान खान ने प्रेसवार्ता में कहा कि कांग्रेस अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए मुस्लिम समाज को गुमराह करके उनका नकारात्मक इस्तेमाल कर रही है जबकि आम मुस्लिम समाज में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ कोई रोष नहीं है। क्योंकि इस कानून में नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है, जबकि नागरिकता देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय राम मंदिर पर आया, तब भी मुस्लिम समाज ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए देश की एकता और अखंडता को बनाए रखा।
इसके बाद जब देश की संसद ने धारा 370 को हटाया तब भी मुस्लिम समाज ने संसद द्वारा बनाए गए निर्णय का सम्मान किया और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखा। लेकिन एनआरसी और नागरिक संशोधन कानून के विषय में कांग्रेस ने अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए मुस्लिम समाज के कंधों पर बंदूक रखकर राजनीतिक हितों को साधने की कोशिश की है। जिसका कि हम कड़े शब्दों में निंदा एवं विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज इस बात को समझ रहा है कि कांग्रेस मुस्लिम समाज को पूरी दुनिया के सामने नकारात्मक दिखाने का प्रयास कर रही है जिसमें कि वह कामयाब नहीं होगी। 70 सालों में कांग्रेस ने मुस्लिमों का मात्र इस्तेमाल किया है जबकि उनके अधिकारों पर ध्यान नहीं दिया है। आज भी मुस्लिम समाज में शिक्षा का अभाव है 70 सालों में कांग्रेस, मुस्लिम समाज तक शिक्षा भी नहीं पहुंचा पाई है और अब मुस्लिम समुदाय के हितैषी होने का ढोंग रच रही है।
हिमाचल प्रदेश एवं भारत सरकार के सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रमजान खान ने कहा कि देश के मुस्लिम समाज का कांग्रेस द्वारा राजनीतिक रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है। देश का मुस्लिम देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए सरकार के साथ है, संसद द्वारा बनाए गए कानूनों के साथ है और सर्वोच्च न्यायालय पर मुस्लिम समाज पूरा विश्वास रखता है। सीएए नागरिकता देने का वाला कानून है, न कि नागरिकता लेने वाला। कांग्रेस द्वारा अपने राजनीति हित साधने के लिए मुस्लिम समाज के कंधों पर रखकर बंदूक चलाती है तो देश का मुस्लिम समाज कांग्रेस के खिलाफ सड़कों पर भी उतरेगा।