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शिमलाः रेडी फड़ी तहबाजारी यूनियन ने अधिवेशन का किया आयोजन

पी. चंद, शिमला |

शिमला के काली वाडी हाल में रेडी फड़ी तहबाजारी यूनियन ने अधिवेशन का आयोजन किया गया जिसका उद्धघाटन सीटू के राज्य अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने किया। उन्होंने कहा कि स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 और सुप्रीम कोर्ट की साल 2007 की गाइडलाइन्स को  लागू किया जाए। जो नगर निगम नहीं कर रहा है और सर्टिफिकेट ऑफ वेंडिंग दिया जाए और वेंडिंग जॉन चीनित किए जाए। अन्यथा नगर निगम के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा। अधिवेशन को शिमला के मेयर संजय चौहान ने भी संबोधित किया उन्होंने कहा कि आज सरकार और नगर निगम द्वारा लगातार गरीब मजदूरों को निशाना बनाया जा रहा है। हमारे कार्यकाल के दौरान वेंडर्स एक्ट को लागू करवाने के प्रयत्न किए गए जिसमें 598 लोगों की  लिस्ट फाइनल की गई थी और वीडियोग्राफी कराई गई और 1000 जगहें चिनित की गई। लेकिन वर्तमान नगरनिगम कानून कि अवेल्हेना कर रहा है जो बिल्कुल ग़लत है। नगर निगम  2014 के स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट को लागू करे।

सीटू जिला महासचिव अजय दुल्टा, सीटू जिला सचिव बाबू राम, जिला उपाध्यक्ष किशोरी, रेहड़ी फड़ी तहबाजारी यूनियन अध्यक्ष सुरेंद्र बिट्टू और महासचिव राकेश कुमार ने कहा है कि नगर निगम, के आयुक्त जनता को गुमराह कर रहे हैं। वे पिछले पांच साल से तहबाजारियों की लिस्ट फाइनल करने की बात कर रहे हैं परन्तु हाल ही की उच्च न्यायालय में पेशी के दौरान उन्होंने सच्चाई कबूल करके तहबाजारी की लिस्ट में 1065 के बजाए केवल 168 फाइनल होने से भारी घोटाले को कबूल कर लिया है। यूनियन पिछले एक साल से लगातार इस बात को कहती रही है कि आयुक्त लिस्ट बनाने में भारी घपलेबाजी कर रहे हैं। इस लिस्ट को फाइनल करने की आयुक्त को इतनी जल्दबाजी है कि उन्होंने टाउन वेंडिंग कमेटी की 10 दिसम्बर को हुई बैठक में टाउन वेंडिंग कमेटी के आठ सदस्यों को मीटिंग नोटिस भेजना भी जरूरी नहीं समझा।

आयुक्त इन सदस्यों की गैर मौजूदगी में आनन-फानन में लिस्ट फाइनल करना चाह रहे थे। आयुक्त प्रेस बयानों में 1065 तहबाजारी होने की बात कर रहे हैं। लेकिन माननीय उच्च न्यायालय में केवल 168 तहबाजारी की बात कबूल कर रहे हैं। इन सभी मसलों से आयुक्त के भ्रष्टाचार की पोल खुल रही है। जो 1065 तहबाजारियों की लिस्ट बनाई गई है, उसमें से तीन सौ तहबजारियों के वार्ड का नाम नहीं है। अन्य लगभग एक सौ तहबाजारियों के माता-पता के नाम नहीं हैं। इस सूची में क्रम संख्या 18 से 23 तक कोई नाम दर्ज नहीं है। इस लिस्ट में दर्जनों दुकानदारों के नाम भी तहबाजारी में शामिल किए गए हैं। यह लिस्ट पूरी तरह फर्जी है और यह भारी घोटाला है। यूनियन ने माननीय उच्च न्यायालय से अपील की है कि वह नगर निगम शिमला की टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक करके इस लिस्ट को दोबारा नए सिरे से बनाये ताकि वास्तविक तहबाजारियों के नाम सूची में शामिल हो सकें। यदि नगर निगम शिमला द्वारा समय पर लिस्ट को दुरस्त नहीं किया गया और वेंडिंग जॉन, सर्टिफिकेट ऑफ वेंडिंग, को जारी नहीं किया गया तो आंदोलन और उग्र होंगा। जब्त किए गए सामान को जल्द वापिस किया जाए।
 
साथ ही 8 जनवरी  की देशव्यापी हड़ताल को कामयाब बनाने के लिए प्रस्ताव पास किया गया। वर्तमान केन्द्र सरकार द्वारा जिस तरह से श्रम कानूनों को बदला जा रहा और मजदूरों को दासता की तरफ धकेलने की कोशिश की जा रही है ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ तहेबजारी भी 8 जनवरी की हड़ताल में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेंगी और उस दिन रेडी फडी वाले अपनी दुकानें बंद रखेंगे। उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि वेंडिंग जॉन जल्द बनाए जाए, सर्टिफिकेट ऑफ वेंडिंग दिए जाए, आई- कार्ड जारी किए जाए, बेफजूल जुर्माना वसूली बंद की जाए और स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट 2014 को और सुप्रीम कोर्ट के 2007 के दिशा निर्देशों को लागू किया जाए। किसी भी रेडी फड़ी वाले को बेवजह तंग ना किया जाए। यदि नगर निगम द्वारा हमारी मांगो के उपर व कानून को लागू नहीं किया जाता है तो हम नगर निगम के खिलाफ आंदोलन करेंगे।इस अधिवेशन में लगभग 600 लोगों ने भाग लिया।